हरियाणा सरकार ने राज्य, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और शहरी स्थानीय निकायों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए सातवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया है।
हरियाणा सरकार ने राज्य, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और शहरी स्थानीय निकायों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए सातवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा सरकार ने राज्य, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और शहरी स्थानीय निकायों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए सातवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव संजीव कौशल को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि आईएएस अधिकारी अंशज सिंह इसके सदस्य सचिव होंगे। अन्य सदस्यों की नियुक्ति बाद में की जाएगी। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।
आयोग राज्य सरकार और जिला परिषदों, पंचायत समितियों तथा ग्राम पंचायतों के बीच करों, शुल्कों, उपकरों और टैक्सों की शुद्ध आय के वितरण के लिए सिद्धांतों की सिफारिश करेगा। साथ ही, यह भी बताएगा कि किन करों और शुल्कों को पंचायती राज संस्थाओं को सौंपा या उनके द्वारा संग्रहित किया जा सकता है। इसके अलावा, आयोग राज्य के कंसोलिडेटेड फंड से पीआरआई को दिए जाने वाले अनुदानों और उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने के उपायों पर भी सिफारिश करेगा।
इसी तरह, आयोग शहरी स्थानीय निकायों के बारे में भी सुझाव देगा, जिसमें नगरपालिकाओं और राज्य सरकार के बीच करों और शुल्कों का वितरण, नगरपालिकाओं को सौंपे जाने योग्य करों की पहचान करना, उन्हें मिलने वाले अनुदान और उनके वित्तीय सशक्तिकरण के लिए आवश्यक उपाय करना शामिल है।
सातवां राज्य वित्त आयोग 31 मार्च, 2026 तक हरियाणा के राज्यपाल को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा। यह रिपोर्ट वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक पांच वर्ष की अवधि को कवर करेगी और स्थानीय शासन की वित्तीय रूपरेखा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आयोग का मुख्यालय पंचकूला में होगा और इसके लिए कार्यालय स्थान स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान में आवंटित किया जाएगा।
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