हरियाणा में बारिश और नदियों के ओवरफ्लो होने से 2748 गांव प्रभावित हैं। कैथल और सिरसा में घग्गर नदी ओवरफ्लो है जबकि फरीदाबाद में यमुना और कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी डेंजर लेवल के ऊपर बह रही हैं।
हरियाणा में बारिश और नदियों के ओवरफ्लो होने से 2748 गांव प्रभावित हैं। कैथल और सिरसा में घग्गर नदी ओवरफ्लो है जबकि फरीदाबाद में यमुना और कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी डेंजर लेवल के ऊपर बह रही हैं।
खबर खास, चंडीगढ़ :
बारिश ने जहां हिमाचल प्रदेश और पंजाब में तबाही मचाई हुई हैं, वहीं हरियाणा भी इससे अछूता नहीं है। हरियाणा में बारिश और नदियों के ओवरफ्लो होने से 2748 गांव प्रभावित हैं। कैथल और सिरसा में घग्गर नदी ओवरफ्लो है जबकि फरीदाबाद में यमुना और कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी डेंजर लेवल के ऊपर बह रही हैं। सोनीपत और यमुनानगर में लगातार भूमि कटाव हो रहा है।
सिरसा के अहमदपुर में घग्गर नदी पर बना बांध टूट गया है। यहां करीब 30 फीट तक कटाव हो गया है। इससे खेतों में सारा पानी भर गया है। यह गांव सिरसा शहर के बिल्कुल साथ लगता है। वहीं, बहादुरगढ़ में दिल्ली बॉर्डर की ओर से टूटी मुंगेशपुर ड्रेन को ठीक करने में सेना सुबह से ही लगी हुई है। सेना के 80 जवान और बहादुरगढ़ के विभिन्न विभागों के 100 से ज्यादा कर्मचारी मौके पर ड्रेन के किनारों को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।
कैबिनेट मंत्री रणबीर के गांव गंगवा गांव में सांसद कुमारी सैलजा जलभराव का जायजा लेने पहुंचीं। वहीं घिराय गांव में मकान की छत गिर गई। घटना के वक्त परिवार वहां मौजूद नहीं था। गांव कैमरी मंगवा के बीच टूटी ड्रेन पर बांध बनाने के लिए एसडीआरएफ पहुंची है।
प्रदेश में कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में मारकंडा नदी खतरे के निशान 256 मीटर से 0.10 मीटर ऊपर बह रही है। साढ़े 8 बजे तक मारकंडा में 29 हजार 029 क्यूसेक पानी दर्ज किया गय। मारकंडा जलस्तर कल से लगातार कम हो रहा है। वहीं, अंबाला में टांगरी में 8 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। जबकि सिरसा में घग्घर नदी का ओटू हेड पर 4 हजार क्यूसेक पानी बढ़ गया है। सुबह 8 बजे 27 हजार 400 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। वहीं, कैथल में घग्गर का जलस्तर 23.6 फीट तक पहुंच गया है, जो डेंजर लेवल से 6 इंच ज्यादा है। पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में जा रहा है। इसके अलावा फरीदाबाद में यमुना खतरे के निशान पर बह रही है। यमुना में सुबह 8 बजे 2 लाख 26 हजार 433 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। 12 गांव पानी की चपेट में हैं। 270 मकान अभी भी पूरी तरह से डूबे हुए हैं।
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