हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की कार्रवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद नाराज हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा से इस्तीफा देने की चेतावनी दे डाली। हुड्डा अपने सीएम रहते हुए 2008 में हुए इंस्पेक्टर भर्ती मामले में हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कही जा रही बातों से खासे नाराज दिखे।
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की कार्रवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद नाराज हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा से इस्तीफा देने की चेतावनी दे डाली। हुड्डा अपने सीएम रहते हुए 2008 में हुए इंस्पेक्टर भर्ती मामले में हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कही जा रही बातों से खासे नाराज दिखे।
हुड्डा ने कहा कि हाईकोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे पिछली सरकार पर सवाल खड़े होते हों। हालांकि सीएम नायब सैनी ने भी फैसलों का हवाला देते हुए इसकी जांच कराने की बात कह दी जिसके बाद सदन में पक्ष-विपक्ष को लेकर हंगामा चलता रहा। इस वजह से बजट पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई।
दरअसल सबसे पहले भाजपा विधायक ओमप्रकाश यादव ने कहा कि कल भी सदन में इंस्पेक्टर भर्ती में गड़बड़ी का मामला उठा था और वह इसपर स्पष्ट जवाब चाहते हैं, नहीं तो वह सदन से वॉकआउट कर देंगे।
इसपर स्पीकर ने कहा कि सरकार इसपर पहले ही जवाब दे चुकी है, लेकिन विपक्ष हंगामा कर रहा है। वहीं, हुड्डा ने कहा कि वह कोर्ट का फैसला पढ़कर सुनाते हैं, इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है। सरकार कोर्ट के डिसीजन पर गलत टिप्पणी कर रही है।
सीएम सैनी ने कहा कि इस मामले पर कल भी सदन में गर्मागर्मी हुई थी। मामला 2008 की इंस्पेक्टर भर्ती से जुड़ा है, जहां विवाद के चलते कोर्ट ने एक विशेष टिप्पणी की है। मैं ये बताना चाहता हूं कि पानीपत के रहने वाले अमित कुमार ने इसको लेकर पिटीशन डाली थी। जिसमें उसने ये आरोप लगाए हैं कि वह लिखित परीक्षा में टॉप आया था, लेकिन इंटरव्यू में कम नंबर देकर उसे बाहर कर दिया गया।
सीएम ने आगे कहा- कोर्ट ने आदेश देने से इसको लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। याचिकाकर्ता यदि इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो अपील करना उसका अधिकार है। याचिकाकर्ता का एक आरोप है कि इस मामले में अर्जुन राठी और दीपक नाम के दो उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा भी नहीं दी, खाली परीक्षा दे आए।
इसपर नाराजगी जताते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वह सदन में कोर्ट के फैसले को डिस्कस नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यूं तो आपके नाम से भी कितने निर्णय आए हुए हैं। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट है। अगर ऐसा है तो मैं सदन से इस्तीफा दे देता हूं।
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