स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने मामला हिमाचल सरकार से प्राथमिकता से उठाने के दिए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने मामला हिमाचल सरकार से प्राथमिकता से उठाने के दिए निर्देश
खबर खास, चंडीगढ़ :
हिमाचल के रोगियों के चंडीगढ़ का पीजीआई मात्र अस्पताल नहीं है। यहां इलाज के लिए आने वालों में बहुतयात हिमाचल के रोगी हैं जो विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए चंडीगढ़ आते हैं। लेकिन अब यहां आकर हिमकेयर का लाभ लेने वाले मरीजों के इलाज पर संकट मंडरा रहा है। उसका कारण यह है कि हिमकेयर के तहत हिमाचल सरकार की ओर से फ्री इलाज का 14 करोड़ 30 लाख रुपए का बकाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने पीजीआई की गवर्निंग बॉडी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए साफ निर्देश दिए हैं कि पीजीआई हिमकेयर के तहत फ्री इलाज के बकाया भुगतान के मसले को तुरंत हिमाचल सरकार के साथ प्राथमिकता से उठाए, ताकि बकाया भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सके।
हालांकि पहले पीजीआई में हिमाचल के मरीजों का इलाज केशलैस नहीं था। हिमाचल कैडर के आईएएस अधिकारी पंकज राय की ओर से 2023 दिसंबर में पीजीआई के डिप्टी डायरैक्टर एडमिनिस्ट्रेशन का चार्ज संभालने के बाद इस दिशा में प्रयास हुए। डायरैक्टर प्रो. विवेक लाल ने भी हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों को देख संस्थान में केशलैस इलाज में दिलचस्पी दिखाई। वित्त विभाग ने भी डायरैक्टर प्रो. विवेक लाल और पंकज राय के प्रयासों के बाद केशलैस इलाज को मंजूरी दी।
पीजीआई और हिमाचल सरकार के बीच अहम कड़ी का काम करते पंकज राय के प्रयासों से मरीजों के केशलैस इलाज के लिए 25 फरवरी, 2024 को हिमाचल सरकार और पीजीआई प्रशासन के बीच एमओयू साइन हुआ था। इसके बाद पी.जी.आई. में हिमाचल के मरीजों का केशलैस इलाज शुरू हुआ, लेकिन अब हिमाचल द्वारा भुगतान न किए जाने के चलते मुफ्त इलाज करवाने से इलाज करवाने वाले मरीजों पर संकट आ गया है।
गवर्निंग बॉडी की बैठक में पाया गया कि हिमाचल सरकार के साथ साइन एमओयू की शर्तों और प्रावधानों के मुताबिक हिमकेयर के तहत फ्री इलाज के दावे भेजने के एक महीने के अंदर भुगतान करना चाहिए। हिमाचल सरकार ने एमओयू की शर्तों के मुताबिक हर महीने समय पर भुगतान नहीं किया तो एमओयू कैंसिल होने का भी संकट आ सकता है। एमओयू कैंसिल होने का सीधा असर फ्री इलाज की सुविधा के बंद होने पर पड़ेगा। पहले ही तरह मरीज को सारे इलाज का पैसा खर्च करना होगा।
एजेंडे के मुताबिक पीजीआई में हिमकेयर के तहत अभी तक 1478 मरीजों के फ्री इलाज के 14 करोड़ 30 लाख रुपए का बिल भेज चुका हैं, लेकिन हिमाचल सरकार ने लंबे समय से भुगतान ही नहीं किया। गवर्निंग बॉडी ने कहा कि राशि का भुगतान न होना चिंता का विषय है, क्योंकि इससे पीजीआई पर न सिर्फ अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है, बल्कि आने वाले समय में ऑडिट आब्जेक्शन समेत कई दूसरी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
गवर्निंग बॉडी ने पीजीआई प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि हिमाचल सरकार से जल्द भुगतान की दिशा में तुरंत कदम उठाकर हर महीने भुगतान होना सुनिश्चित करवाया जाए।
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