शिक्षा मंत्री बैँस ने इस अहम परियोजना के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री डा.मुरुगन से मांगा सहयोग केंद्र सरकार की ओर से घोषित 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को बताया अपर्याप्त
शिक्षा मंत्री बैँस ने इस अहम परियोजना के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री डा.मुरुगन से मांगा सहयोग केंद्र सरकार की ओर से घोषित 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को बताया अपर्याप्त
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के शिक्षा तथा सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज केंद्र सरकार से सरसा और सवां नदियों के चैनलाइजेशन की मांग करते हुए प्रदेश में बाढ़ के कारण बार-बार हो रही तबाही को कम करने हेतु तत्काल सहायता प्रदान करने की अपील की।
एक वीडियो संदेश में, बैंस ने रूपनगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने आए केंद्रीय संसदीय मामलों और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन का गर्मजोशी से स्वागत किया और सरसा तथा सवां नदियों के चैनलाइजेशन के माध्यम से बाढ़ से बार-बार हो रही तबाही का स्थायी व पक्का समाधान प्रस्तुत करने की मांग की, ताकि भविष्य में इस समस्या से न जूझना पड़े। उन्होंने इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक स्वीकृतियाँ और फंड प्राप्त करने में केंद्रीय मंत्री के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता जताई।
बैंस ने पंजाब के भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि केंद्रीय मंत्री स्वयं बाढ़ के कारण हुई तबाही का मूल्यांकन करें। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, मैं उनसे अपील करता हूँ कि वह डॉ. मुरुगन को सिर्फ मुख्य स्थानों पर नहीं, बल्कि गांव खेड़ा कलमोट, बेलियां और अन्य बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में भी ले जाएं, जहाँ गरीब लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया है। उन्हें केवल रस्मी ब्रीफिंग नहीं, बल्कि वास्तविक हालात देखने दें।
बैंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को “अपर्याप्त” करार दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एस.डी.आर.एफ.) के नियमों के तहत मिलने वाला न्यूनतम मुआवजा पीड़ितों का मजाक बनाने जैसा है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा, “थोड़े नुकसानों के लिए पक्के घर हेतु मात्र 6,500 रुपये और तबाह घरेलू आवश्यक सामान के लिए 2,500 रुपये का मुआवजा अपमानजनक से कम नहीं है। क्या इतनी राशि से घर फिर से बनाया जा सकता है? क्या देश का सीना तानने वाले लोग केवल यही उम्मीद रखें?”
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि वह उनके साथ हरिवाल और चंदपुर बेला के खेतों में जाकर किसानों से पूछें कि क्या 6,800 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा उनकी पूरी बर्बाद हुई फसलों की सफाई करके खेत पुनः तैयार करने के लिए जरूरी डीजल की लागत को भी पूरा कर पाता है?
पंजाब द्वारा देश को दिए गए ऐतिहासिक योगदान का उल्लेख करते हुए, बैंस ने कहा,
“देश की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा में पंजाब हमेशा अग्रणी रहा है। हम दान नहीं मांगते; हम अपना हक मांगते हैं। मैं केंद्रीय मंत्री से निवेदन करता हूँ कि वे असली तस्वीर देखें और हमारे लोगों की असली परिस्थितियों के बारे में प्रधानमंत्री को तुरंत रिपोर्ट करें।”
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