एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंधित पूर्व पार्षद भूपिंदर कौर वालिया बेशक आज हमारे साथ नहीं हैं, परंतु उनकी ओर से की गई सेवाएं हमेशा याद रखी जाएंगी।
एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंधित पूर्व पार्षद भूपिंदर कौर वालिया बेशक आज हमारे साथ नहीं हैं, परंतु उनकी ओर से की गई सेवाएं हमेशा याद रखी जाएंगी।
खबर खास, कपूरथला :
सुप्रसिद्ध परिवार से संबंधित पूर्व पार्षद भूपिंदर कौर वालिया बेशक हमारे बीच में नहीं रहे लेकिन उनकी ओर से बतौर पार्षद और बहुउद्देशीय कृषि सोसायटी के अध्यक्ष के तौर पर उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा
एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंधित पूर्व पार्षद भूपिंदर कौर वालिया बेशक आज हमारे साथ नहीं हैं, परंतु उनकी ओर से की गई सेवाएं हमेशा याद रखी जाएंगी। लंबे समय पार्षद रहे हरबंस सिंह वालिया की पत्नी और भूपिंदर कौर कर जन्म एक अप्रैल 1950 को फतेहगढ़ जिले के जमीत गढ़ मनहेडा में बागवानी विभाग में पूर्व मेनेजर संपूर्ण सिंह व माता हरबंस कौर के घर हुआ। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल में ही प्राप्त की।
उनका विवाह 1974 में हरबंस सिंह वालिया के साथ हुआ। उन्होंने राजनीति और लोकसेवा में अपने पति का साथ डटकर दिया। वह घर आए हरेक शख्स का सम्मान करते थे और उन्हें भोजन करवाकर और चाय पिलाकर भेजते थे। धार्मिक प्रवृत्ति की मालिक और सहज स्वभाव वाली भूपिंदर कौर वालिया दो बार पार्षद और दो बार ही नूरपुर दोना बहुउद्देशीय खेतीबाड़ी सभा के अध्यक्ष के तौर पर कार्यशील रहे। उनकी पुत्र डा. सुखदीप कौर एसएमओ जबकि पुत्र जगदीप सिंह और कमलदीप सिंह वालिया अपनी निजी कारोबार के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी स्थान रखते हैं।
भूपिंदर कौर वालिया ने अपने जीवन के आखिरी 25 वर्ष कैंसर सरीखी नामुराद बीमारी के साथ गुजारे। इस संबंध में सब कुछ पता होने के बावजूद वक जीवन से कभी निराश नहीं हुईं। बीती 21 जुलाई को वह इस बीमारी जूझते हुए इस नश्वर संसार को अलविदा कह गईं। उनके नामिल श्री अखंड साहिब पाठ का भोग 12 अगस्त, मंगलवार को उनके निवास स्थान में 11 बजे पड़ेगा। उसके बाद कीर्तन और अंतिम अरदास गुरुद्वारा बाबा दया राम मनसूरवाल दोना स्थित दोपहर 12.30 से दो बजे तक होगा। इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक संगठनों के नुमाईंदे उन्हें श्रद्धांजलि भेंट करेंगे।
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