गुलाब, चमेली व गेंदे के साथ-साथ अन्य किस्म के फूलों को पीछे छोड़ते हुए लकड़ी व खजूर की छाल से तैयार किए गए रंग बिरंगे फूलों ने पर्यटकों का दिल जीत लिया। ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर लकड़ी से तैयार किए गए लम्बी उम्र के इन फूलों के चारों तरफ कदरदान नजर आए। महज 20 रुपए देकर फूलों की एक छड़ को पर्यटक अपने घर ले जा रहे थे। उनके इन फूलों की कीमत 10 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की है।
महोत्सव में सोलावुड, बांस व कपड़े के फूलों को पर्यटकों ने किया पसंद
20 रुपए से लेकर 40 रुपए में मिल जाएगा आकर्षक फूल
खबर खास, चंडीगढ़ :
गुलाब, चमेली व गेंदे के साथ-साथ अन्य किस्म के फूलों को पीछे छोड़ते हुए लकड़ी व खजूर की छाल से तैयार किए गए रंग बिरंगे फूलों ने पर्यटकों का दिल जीत लिया। ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर लकड़ी से तैयार किए गए लम्बी उम्र के इन फूलों के चारों तरफ कदरदान नजर आए। महज 20 रुपए देकर फूलों की एक छड़ को पर्यटक अपने घर ले जा रहे थे। उनके इन फूलों की कीमत 10 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की है।
महोत्सव में पिछले कई सालों से कागज के फूल लाने वाले मध्य प्रदेश के शिल्पकार पवन कुमार अपनी पत्नी राजकुमारी, बेटे मोहित, रोहित व बेटी मुस्कान के साथ स्टॉल नंबर 359 पर अपने दिल की बात को साझा करते हुए कहा कि ब्रह्मसरोवर पर रंग बिरंगे लकड़ी के फूल मौसम को रंगीन बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इन रंग बिरंगे फूलों की एक छड़ की कीमत केवल 10 रुपए से लेकर 200 रुपये ही रखी गई है। महोत्सव के हर दिन लकड़ी के इन रंग बिरंगे फूलों के चाहने वालों की तादाद में इजाफा हुआ है। उनके फूलों को खास मेहमानों तक पहुंचाने के लिए सरकार के माध्यम से दी जा रही ऋण सुविधा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सरकार की इन योजनाओं का वे कभी एहसान नहीं भूल पाएंगी। आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में जहां सरकार ने मदद की है, वहीं पर्यटकों ने फूल खरीद कर सरकार की योजनाओं पर अपनी मोहर लगा दी है।
उनका कहना है कि वे इस महोत्सव में खास तौर पर फूलों को प्यार करने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए करीब एक दर्जन से ज्यादा वैरायटी के रंग बिरंगे फूल तैयार करके लाए हैं। खजूर की छाल से तैयार किए गए फूलों को सबसे ज्यादा सराहा है।
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