हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक दशक पहले के हरियाणा और आज के हरियाणा में अन्तर दर्पण की तरह साफ है। प्रदेश के नॉन-स्टॉप विकास के लिए अब अनुकूल वातावरण है।
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक दशक पहले के हरियाणा और आज के हरियाणा में अन्तर दर्पण की तरह साफ है। प्रदेश के नॉन-स्टॉप विकास के लिए अब अनुकूल वातावरण है।
विधायकों से किया आह्वान विकसित हरियाणा-विकसित भारत के लिए जन कल्याण को दें प्राथमिकता
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक दशक पहले के हरियाणा और आज के हरियाणा में अन्तर दर्पण की तरह साफ है। प्रदेश के नॉन-स्टॉप विकास के लिए अब अनुकूल वातावरण है। इसका अधिक से अधिक लाभ जनता को मिले, यह सभी सदस्यों का दायित्व है। उन्होंने सदस्यों का आह्वान किया कि विकसित हरियाणा-विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सदन के समय के पल-पल का सदुपयोग करते हुए जनहित को प्राथमिकता दें।
उन्होंने विश्वास जताया कि यह सदन जनकल्याण के निर्णयों का नवीन अध्याय लिखेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि लोगों ने किसी सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है। हरियाणा की यह विधानसभा कैसे निर्णय लेती है, क्या नीतियां बनाती है, इस पर पूरे प्रदेश की निगाहें रहेंगी। इस अनुकूल समय का अधिक से अधिक लाभ प्रदेश और इसकी जनता को मिले, यह दायित्व सदस्यों का है।
राज्यपाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूलमंत्र को स्मरण करते हुए कहा कि हमारा हर फैसला इस बात पर निर्भर होना चाहिए कि उसका प्रभाव समाज के सबसे गरीब और कमजोर व्यक्ति पर क्या पडे़गा। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों ने हाल ही में सम्पन्न चुनाव प्रक्रिया में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और सदस्यों को अपने अधिकारों का पैरोकार बनाकर विधानसभा रूपी राज्य की इस सर्वोच्च पंचायत में भेजा है। विधायक के रूप में आप सभी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से करेंगे।
दत्तात्रेय ने कहा कि 15वीं विधानसभा के 90 सदस्यों में से 40 सदस्य ऐसे हैं, जो पहली बार चुनकर आए हैं। 14वीं विधानसभा में नवरत्न रूपी 9 महिला सदस्य ही चुनकर आई थीं। यह खुशी की बात है कि इस बार यह संख्या करीब डेढ़ गुणा बढ़कर 13 हो गई है। उन्होंने कहा कि यह सदन पौने तीन करोड़ प्रदेशवासियों की आशाओं का ध्वजावाहक है। अब प्रत्येक विधायक की यह जिम्मेदारी है कि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे।
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