मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को गिद्दड़बाहा में एक के बाद एक तीन बड़ी रैलियों को संबोधित किया और लोगों से आप उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को वोट देने की अपील की। मान ने कहा कि डिंपी ने यहां से दो बार हारने के बाद भी लोगों का साथ नहीं छोड़ा क्योंकि वह यहां के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं।
गिद्दड़बाहा के लोगों से मान ने कहा - 2022 में आप चूक गए, लेकिन अब आपके पास फिर बदलाव लाने का मौका है
कांग्रेस को बड़ा झटका! एमसी शिवराज सिंह और सरूप सिंह आप में शामिल
खबर खास, गिद्दड़बाहा/चंडीगढ़ :
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को गिद्दड़बाहा में एक के बाद एक तीन बड़ी रैलियों को संबोधित किया और लोगों से आप उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को वोट देने की अपील की। मान ने कहा कि डिंपी ने यहां से दो बार हारने के बाद भी लोगों का साथ नहीं छोड़ा क्योंकि वह यहां के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री मान ने यहां भलाईआना, डोडा और गिद्दड़बाहा शहर में रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल और कांग्रेस नेता राजा वड़िंग पर हमला बोला और कहा कि दोनों ने गिद्दड़बाहा से कई बार चुने जाने के बाद भी यहां के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। प्रचार के दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री, आप विधायक, सांसद, चेयरमैन और आप उम्मीदवार डिंपी ढिल्लों मौजूद थे।
आप नेता और कलाकार करमजीत सिंह भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने 2024 के आम चुनावों के दौरान उनका समर्थन के लिए लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि मान सरकार में जनकल्याण के काम कभी नहीं रुकते। मुख्यमंत्री भगवंत मान आमलोगों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र की बेहतरी के लिए आप उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह किया।
भलाईआना में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि लोकतंत्र में सारी शक्ति जनता के पास है। वहीं कांग्रेस और भाजपा के नेता अहंकारी हैं। वे सोचते हैं कि वे लोगों से बड़े हैं। इसलिए आपने उन्हें 2022 में सबक सिखाया। अब फिर वंशवादी राजनेताओं को हराकर उनका अहंकार तोड़ें।
मान ने लोगों को उनके निरंतर प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे यहां लोगों की वजह से हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी रोजगार, बिजली, स्कूल और अस्पताल की बात करती है। ये वो मुद्दे हैं जो आम लोगों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि आपने हम पर भरोसा किया और विधानसभा चुनाव में हमें 92 सीटें दीं। हम आपकी उम्मीदों पर खरा उतर रहे हैं और अपने अधिकांश प्रमुख चुनावी वादे पूरे किए हैं।
मान ने कहा कि 2013 में जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली की तीन बार सीएम रहीं शीला दीक्षित के खिलाफ लड़ रहे थे, तब आम आदमी पार्टी बिल्कुल नई थी, कुछ महीने पहले ही बनी थी। चुनाव के दिन जब शीला दीक्षित वोट डालकर मतदान केंद्र से बाहर निकल रही थीं तो मीडिया ने उनसे अरविंद केजरीवाल के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि केजरीवाल कौन हैं? लेकिन नतीजे के बाद न सिर्फ केजरीवाल जीतें बल्कि दिल्ली में सरकार भी बनाई। यही लोकतंत्र में लोगों की ताकत है।
सीएम ने भाजपा उम्मीदवार और पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पर कटाक्ष करते हुए उन पर लोगों और उनके मुद्दों से कटे होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने आम लोगों के संघर्षों को कभी नहीं समझा। वह बात भी उर्दू में करते हैं। जो पंजाब के लोगों की भाषा तक नहीं बोलता वह काम क्या करेगा!
एक किस्सा सुनाते हुए मान ने लोगों को बताया कि एक बार जब मीडिया मनप्रीत बादल से पूछ रहा था कि कब जगदीश भोला ने ड्रग मामले में बिक्रम मजीठिया का नाम लिया था, तो मनप्रीत बादल फ्रांस की क्रांति और फिलिस्तीन में युद्ध के बारे में बात करने लगे। फिर अगले दिन किसी अखबार ने उनकी खबर ही नहीं छापी क्योंकि वह पंजाब के मुद्दों के बारे में बात ही नहीं कर रहे थे। मान ने कहा कि पहले मनप्रीत बादल ने गिद्दड़बाहा छोड़ दिया। अब बठिंडा से हारने के बाद अचानक गिद्दड़बाहा के सपने देखने लगे हैं।
मान ने राजा वड़िंग के चुनाव अभियान की नाटकीयता पर भी कटाक्ष किया और कहा कि ये नेता केवल तभी जनता के बीच पहुंचते हैं जब चुनाव नजदीक होते हैं। वे चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। वे आम लोगों के संघर्षों से अनजान हैं।
मान ने कहा कि एक पत्रकार ने मुझसे चुनाव लेट होने के बारे में पूछा। मैंने उन्हें बताया कि पहले विपक्षी पार्टियां 20-25 हजार वोटों से हारती, लेकिन अब वे 30-35 हजार वोटों से हारेंगे। मान ने रैलियों में उपस्थित महिलाओं की भी सराहना की और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
कांग्रेस एमसी शिवराज सिंह और सरूप सिंह आप में शामिल
डोडा रैली के दौरान कांग्रेस एमसी शिवराज सिंह और सरूप सिंह कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। शिवराज सिंह 50 साल से कांग्रेस से जुड़े हुए थे। उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है।
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