भ्रष्टाचार रोकने और कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभागीय सतर्कता की कार्रवाईयाँ आंतरिक जाँच का हिस्सा : जल संसाधन मंत्री
लोगों और बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए 924 बाढ़ सुरक्षा कार्य पहले ही पूरे किए गऐ: बरिंदर कुमार
गुमराह करने के लिए विपक्ष ने केवल 3.8 फ़ीसदी कार्यों का दिया हवाला : जल संसाधन मंत्री
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज पंजाब विधानसभा के हालिया विशेष सत्र के दौरान विभागीय तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और आश्चर्यजनक रूप से भ्रष्ट अधिकारियों का पक्ष लेने के लिए विपक्ष के नेता (एल.ओ.पी.) प्रताप सिंह बाजवा को कड़े हाथों लिया।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता के ऐसे बयान सदन को गुमराह करने और विभाग द्वारा पारदर्शी व ईमानदारी से किए जा रहे कार्यों पर उंगली उठाने की भद्दी चाल हैं।
गोयल ने स्पष्ट किया कि बाजवा ने 22 अगस्त, 2025 के उस पत्र का हवाला दिया था, जो विभाग के मुख्य अभियंता (विजिलेंस) द्वारा बाढ़ सुरक्षा संबंधी कुछ कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करने बाबत मुख्य अभियंता (ड्रेनेज) को लिखा गया था। उन्होंने कहा कि यह पत्र निधियों के सुचारु उपयोग और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से मानसून शुरू होने के बाद जाँच एवं संतुलन बनाए रखने की एक आंतरिक प्रक्रिया थी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एल.ओ.पी. ने जानबूझकर इन तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
जल संसाधन मंत्री ने आगे कहा कि विपक्ष द्वारा बताया गया पत्र केवल 35 कार्यों से संबंधित था, जो मानसून शुरू होते समय प्रगति पर थे, जबकि विभाग द्वारा मानसून आने से पहले ही 924 कार्य पूरे किए जा चुके थे। विपक्ष के नेता ने यह ज़िक्र तक नहीं किया कि ये 35 कार्य कुल परियोजनाओं का केवल 3.8 फ़ीसदी हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ़ हो जाता है कि विपक्ष के नेता का इरादा तथ्यों को छुपाकर जनता को गुमराह करना था।
विपक्ष के एक और आरोप का जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता ने ग़लत दावा किया है कि विभाग के 8,000 कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है, जबकि वास्तविक आँकड़ा 16,000 से अधिक कर्मचारियों में से केवल 750 से भी कम है। श्री गोयल ने कहा कि ये चार्जशीटें भ्रष्टाचार, ग़लत रवैये और ड्यूटी में लापरवाही के मामलों में जारी की गई हैं, जिनमें से कुछ मामलों की सिफारिश विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गुरिंदर सिंह ठेकेदार मामले में भी की गई थी।
ड्यूटी में लापरवाही के तथ्य पेश करते हुए बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि अमृतसर के एक अधिकारी को किसी ठेकेदार का पक्ष लेने और टेंडर भरने के लिए अपने ही लैपटॉप का इस्तेमाल करने पर डिमोट किया गया। उन्होंने बताया कि एक अन्य अधिकारी ने अपने तबादले के बाद भी ग़ैर-क़ानूनी तरीके से टेंडर पास किए थे। इसी तरह खनन विभाग में तैनात गुरदासपुर का एक अधिकारी 2.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, जिसके बाद उसे बर्ख़ास्त कर दिया गया। उन्होंने आगे बताया कि कुछ अधिकारी ठेकेदारों पर रिश्वत देने का दबाव डालते थे, वहीं कुछ अधिकारी नियमों के अनुसार रॉयल्टी वसूलने में जानबूझकर नाकाम रहे, जिससे सरकारी ख़ज़ाने को बड़ा नुक़सान पहुँचा।
गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी सरकार की ज़ीरो-टॉलरेंस नीति की सराहना करने की बजाय विपक्ष के नेता ने भ्रष्ट और ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों को बचाने और जवाबदेही के मानदंडों पर सवाल उठाने का भद्दा रास्ता चुना है। गोयल ने कहा कि पंजाब की जनता जानना चाहती है कि जब विभाग भ्रष्ट गतिविधियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करता है तो विपक्ष के नेता को इतनी परेशानी क्यों होती है? उन्होंने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि कोई विपक्षी नेता खुले तौर पर उन व्यक्तियों का पक्ष ले रहा है, जिन्हें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में दंडित किया गया है।
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