पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि उद्योगपतियों को परेशान करने का दौर अब खत्म हो चुका है और राज्य सरकार अब औद्योगिक क्षेत्र के लिए पुल की तरह काम कर रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि उद्योगपतियों को परेशान करने का दौर अब खत्म हो चुका है और राज्य सरकार अब औद्योगिक क्षेत्र के लिए पुल की तरह काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को दिया भरोसा
सरकार-उद्योगपति बैठक का उद्देश्य उद्योग से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना
उद्योगपतियों की एक भी समस्या हल न करने के लिए बिट्टू की कड़ी निंदा
खबर खास, लुधियाना :
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि उद्योगपतियों को परेशान करने का दौर अब खत्म हो चुका है और राज्य सरकार अब औद्योगिक क्षेत्र के लिए पुल की तरह काम कर रही है।
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ ‘सरकार-उद्योगपति बैठक’ के दौरान यहां व्यापारिक दिग्गजों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले के समय में उद्योगपतियों को परेशान किया जाता था, लेकिन अब कोई भी उन्हें परेशान नहीं कर रहा है, बल्कि राज्य सरकार उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग को सुविधाएं देने के लिए पहले ही बड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों की बदौलत पंजाब आज औद्योगिक विकास में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे मुख्य मुद्दों को सामने लाने का श्रेय अरविंद केजरीवाल को जाता है, जिन्होंने पारंपरिक पार्टियों को अपना एजेंडा बदलने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘आप’ एक मिशन की तरह काम कर रही है, जबकि पिछली सरकारें कमीशन पर चलती थीं, जो कि पूरी तरह अनुचित था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है और इसी कारण राज्य सरकार जनता की आवाज को बहुत महत्व देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसी बैठकें कभी नहीं हुईं, बल्कि वे नेता सिर्फ एकतरफा संवाद करते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब आम आदमी राज्य की तरक्की और खुशहाली के लिए नीतियां बनाने के लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों से सीधी बातचीत कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि अब लोगों को राज्य में फैसले लेने की शक्ति मिल गई है।
मुख्यमंत्री ने लुधियाना से अपनी पुरानी यादें साझा की, जब वे 1990 के दशक में एक कलाकार के रूप में संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह शहर राज्य की आर्थिक राजधानी है, जो यहां काम करने वाले लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करता है। भगवंत सिंह मान ने लुधियाना को अपनी ‘कर्मभूमि’ बताते हुए शहर के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह उद्योग हो, कृषि हो या अन्य क्षेत्र। उन्होंने कहा कि कृषि उपज के उचित मूल्य में वृद्धि समय की जरूरत है और राज्य का भविष्य इसी पर निर्भर करता है। भगवंत सिंह मान ने राज्य के विकास के लिए उद्योग और कृषि के बीच मजबूत संबंधों की वकालत की।
केंद्रीय रेलवे राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही वे लुधियाना से हैं, लेकिन फिर भी वे लुधियाना के उद्योग की मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगपति रेलवे से जुड़े अपने कार्य करवाने के लिए राज्य सरकार के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें बिट्टू पर भरोसा नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह राज्य में ‘आप’ सरकार के प्रति जनता के विश्वास को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग सत्ता में रहते हुए महलों में रह रहे थे, उन्हें अब पंजाब की राजनीति से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य ने एक नए युग की शुरुआत देखी है, क्योंकि वे लोग जो सत्ता को अपनी जागीर समझते थे, जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन महलों में रहने वाले नेताओं ने कभी आम आदमी की भलाई की परवाह नहीं की और जनता ने भी इन्हें उन्हीं महलों की ऊंची दीवारों के पीछे सीमित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पारंपरिक पार्टियां उनसे ईर्ष्या करती हैं क्योंकि वे एक साधारण परिवार से आते हैं। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक नेता मानते हैं कि सत्ता में रहना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है, इसलिए वे यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे कि एक आम आदमी राज्य का शासन शानदार तरीके से चला रहा है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने आजादी के बाद से लोगों को अज्ञानी बनाए रखा और उन्हें बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया, जिससे जनता ने अंततः इन्हें राजनीति से बाहर कर दिया।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सत्ता में बैठी ‘आप’ पार्टी के विधायकों का समर्थन प्राप्त करने का सपना देखने की बजाय कांग्रेस को अपने नेताओं को एकजुट रखने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं की ओर से रेत के महल बनाने की कड़ी निंदा की कि सत्ताधारी पार्टी के कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं और जल्द ही दल बदल लेंगे। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक नेता सत्ता के लिए इतने बेताब हैं कि उनका न तो अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कोई संपर्क है और न ही जनता से, जिस कारण पंजाब की जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये नेता ऐसे बेहूदा बयान जारी करते हैं कि ‘आप’ के विधायक उनके संपर्क में हैं, जबकि यह बयानबाजी सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए है।
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