भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व उनकी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ शनिवार को जिला सिरसा के तेजा खेड़ा फार्म, चौटाला में पहुंचकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
किसान हित और ग्रामीण विकास चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की रही प्राथमिकता -जगदीप धनखड़
खबर खास, चंडीगढ़ :
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व उनकी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ शनिवार को जिला सिरसा के तेजा खेड़ा फार्म, चौटाला में पहुंचकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उप राष्ट्रपति ने पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि 5 दिन पहले ही उनसे मेरी बात हुई थी। उस समय भी वो मेरे स्वास्थ्य का पूछ रहे थे, मेरी चिंता ज्यादा कर रहे थे। 29 साल पहले का वो दिन, जब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर जो यात्रा शुरू करवाई, 9वीं लोकसभा में निर्वाचित करवाकर मंत्री पद देकर, वो मैं भूल नहीं सकता। जब भी मौका मिला, मुझे उनका आशीर्वाद मिला। राज्यपाल का पद ग्रहण करते ही मैंने आपका आशीर्वाद लिया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 7 बार विधायक रहना और 5 बार मुख्यमंत्री बनना चौधरी साहब को परिभाषित नहीं करता बल्कि किसान, गांव का विकास उनकी प्राथमिकताएं थी, उनका संकल्प था, उनका ध्येय था, उनका उद्देश्य था। जीवन पर्यंत उन्होंने अपने को किसान कल्याण और ग्रामीण विकास के लिए समर्पित किया। कुछ भी परिस्थिति हो, कुछ भी हालात हों, किसान हित और ग्रामीण विकास को उन्होंने नहीं छोड़ा। उन्होंने ये निश्चित कर दिया कि देश का उत्थान, प्रगति, शांति, विकास किसानों के विकास और गांव के विकास से जुड़ा हुआ है। कोई ऐसा मौका नहीं आया, जब उन्होंने मेरी चिंता नहीं की।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि ऐसा प्रखर वक्ता, ऐसा स्पष्ट वाद करने वाला व्यक्ति, ऐसा निर्भीक व्यक्ति, ऐसी रीढ़ वाला व्यक्ति जो ग्रामीण व्यवस्था के प्रति समर्पित रहा है। उन्होंने जो दार्शनिक रूप अपनाया, जो संकट झेले, जो व्यवस्थाओं की क्रूरता देखी, वो प्रासंगिक है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने हमें सिखाया कि रास्ता कठिन होगा, लोग बेवजह समस्याएं पैदा करेंगे, आप के कीर्तिमान को सही रूप से नहीं मानेंगे, पर निश्चित लक्ष्य है, किसान और ग्रामीण, ये दोनों महत्वपूर्ण हैं। विकसित भारत का सपना किसान के खेत और ग्रामीण विकास से निकलेगा। जो मजबूती मैंने उनमें देखी, वो अनुकरणीय है। हमारे लिए मार्ग प्रशस्त करती है। चौधरी ओम प्रकाश चौटाला 1989 के बड़े राजनीतिक बदलाव के प्रमुख सूत्रधारों में से थे। किसान कर्ज़ मुक्त हो, उनका ध्येय था।
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