जल संसाधन मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिप्टी कमिश्नरों और ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समीक्षा बैठक की
निरंतर निगरानी के लिए रोस्टर रजिस्टर की सख़्त पालना के निर्देश
होशियारपुर, तरन तारन, कपूरथला, फिरोज़पुर और फाज़िल्का के प्रभावित ज़िलों पर प्राथमिक ध्यान देने को कहा
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज राज्य के प्रभावित ज़िलों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के लिए उच्च-स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक की। इस बैठक में होशियारपुर, तरन तारन, कपूरथला, फिरोज़पुर और फाज़िल्का ज़िलों के डिप्टी कमिश्नर सहित ड्रेनेज विभाग के सभी कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) और सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (एस.ई.) शामिल हुए। बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री के साथ प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार और मुख्य अभियंता (ड्रेनेज) हरदीप सिंह मेंदीरत्ता भी उपस्थित रहे।
विस्तृत समीक्षा बैठक के दौरान गोयल ने सभी दरियाओं के किनारों पर दिन-रात सतत सतर्कता रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण पंजाब की दरियाओं में जल स्तर बढ़ गया है, इसलिए बाढ़ की स्थिति को देखते हुए चौकसी और बढ़ाई जाए।
जल संसाधन मंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में दरियाओं के किनारों पर दिन-रात कड़ी निगरानी सुनिश्चित करें और ड्यूटी रोस्टर रजिस्टर की सही पालना करें ताकि निरंतर निगरानी का कार्य सुचारु रूप से चल सके। इस समीक्षा के दौरान डिप्टी कमिश्नरों ने कैबिनेट मंत्री को प्रभावित इलाकों की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया।
गोयल ने संवेदनशील इलाकों के साथ-साथ ज़रूरी स्थानों पर फील्ड स्टाफ सहित मज़बूत निगरानी टीमों की तैनाती करने के निर्देश देते हुए कहा कि पूरे प्रभावित क्षेत्र को योजनाबद्ध तरीके से सेक्टरवार बाँटने से समय पर बचाव कार्य सुनिश्चित हो सकेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने दोहराया कि बाढ़ से प्रभावित आबादी के लिए आश्रय, भोजन और चिकित्सीय सहायता जैसी आवश्यक सुविधाओं से युक्त उचित राहत कैंप सुनिश्चित किए जाएँ। उन्होंने बाढ़ के चलते उत्पन्न हो रही स्थिति का लगातार आकलन करने और रोकथाम उपायों को तेज़ करने के निर्देश भी दिए।
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में तालमेल बनाए रखने के लिए ज़िला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के बीच निरंतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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