कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से ही धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र को शिल्प और लोक कला केंद्र के रूप में एक अनोखी पहचान मिल रही है।