राजनीतिक गलियारों में छिड़ी नई चर्चाएं
राजनीतिक गलियारों में छिड़ी नई चर्चाएं
खबर ख़ास , तरनतारन :
तरनतारन उप-चुनाव के नतीजों ने पंजाब की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जीत के ठीक एक दिन बाद सीएम भगवंत मान ने कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाकर राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। सरकार की ओर से बैठक का आधिकारिक एजेंडा भले ही सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन माहिरों का मानना है कि यह बैठक आगामी महीनों की सरकारी रणनीति को नए सिरे से तय करने वाली साबित हो सकती है।
जानकारी के अनुसार यह बैठक सीएम निवास पर शनिवार दोपहर 11 बजे आयोजित की जाएगी। अचानक बुलाई गई बैठक को लेकर यह माना जा रहा है कि तरनतारन उप-चुनाव में मिली बड़ी जीत ने न केवल मुख्यमंत्री की नेतृत्व स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि सरकार को कई ठोस निर्णय लेने का रास्ता भी साफ किया है।
प्रशासनिक फेरबदल और कानून-व्यवस्था प्रमुख मुद्दे बन सकते हैं
सूत्र बताते हैं कि सरकार अब उन विभागों और पदों पर ध्यान केंद्रित कर सकती है, जहां प्रदर्शन अपेक्षित स्तर पर नहीं रहा। हाल ही में कई जिलों में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठे थे, और कुछ अधिकारियों के कामकाज पर मुख्यमंत्री की नाराजगी भी सामने आई थी। ऐसे में कैबिनेट बैठक में संभावित प्रशासनिक फेरबदल पर चर्चा होना लगभग तय माना जा रहा है।
इसके साथ ही, प्रदेश में अपराध और गैंगस्टर गतिविधियों से निपटने के लिए अधिक सख्त और केंद्रीकृत कार्रवाई पर भी विचार किए जाने की उम्मीद है। उप-चुनाव के दौरान सीएम मान ने जिस तरह कानून-व्यवस्था को लेकर भरोसा जताया था, उससे यह संकेत मिलता है कि सरकार अब इस मोर्चे पर और कठोर कदम उठा सकती है।
सरकार के करीबी हलकों में यह चर्चा तेज है कि उप-चुनाव के नतीजों ने आने वाले वर्षों की राजनीतिक रणनीति पर सीधे प्रभाव डाला है। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में वे नीतियां और प्राथमिकताएं तय की जाएंगी, जो 2027 के विधानसभा चुनावों तक सरकार के रोडमैप को परिभाषित करेंगी।
विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाना, लंबित वादों पर कार्रवाई करना और कुछ नई योजनाओं की घोषणा करना भी इस बैठक की संभावित दिशा मानी जा रही है। चुनावी जीत से सरकार के भीतर जो उत्साह पैदा हुआ है, उससे यह साफ है कि सीएम मान आगामी महीनों में अधिक आक्रामक और निर्णयात्मक रवैया अपनाने के पक्ष में हैं।
बहरहाल, बैठक में क्या फैसले लिए जाते हैं यह सार्वजनिक होने के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन इतना तय है कि यह बैठक पंजाब की मौजूदा राजनीति और प्रशासन में बड़ी हलचल लेकर आ सकती है।
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