तिब्बत के एक इलाके में आज, मंगलवार सुबह आए एक 7.1 तीव्रता वाले भूकंप में अब तक 126 लोगों की मौत और 188 लोगों के घायल होने की खबर है। इस भूकंप के झटके नेपाल, भूटान और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए हैं।
तिब्बत के एक इलाके में आज, मंगलवार सुबह आए एक 7.1 तीव्रता वाले भूकंप में अब तक 126 लोगों की मौत और 188 लोगों के घायल होने की खबर है। इस भूकंप के झटके नेपाल, भूटान और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए हैं।
भूकंप के झटके नेपाल, भूटान और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में किए गए महसूस
खबर खास, नई दिल्ली :
तिब्बत के एक इलाके में आज, मंगलवार सुबह आए एक 7.1 तीव्रता वाले भूकंप में अब तक 126 लोगों की मौत और 188 लोगों के घायल होने की खबर है। इस भूकंप के झटके नेपाल, भूटान और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए हैं।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक 7.1 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में सुबह नौ बजे के करीब 10 किमी की गहराई पर आया था और उसके बाद 40 आफ्टरशॉक्स भी आए। इस भूकंप में 188 से अधिक लोग घायल हो गए जिनका उपचार नजदीकी अस्पताल में चल रहा है। वहीं, पूरे उत्तर भारत में मंगलवार सुबह 6:35 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। 7.1 की तीव्रता से आए इस भूकंप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लोग तो सुबह-सुबह दहशत में आ ही गए। असम से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी महसूस किए गए। केवल भारत ही नहीं नेपाल, बांग्लादेश, चीन भी इस भूकंप की चपेट में आ गए।
भूकंप के बाद बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंस गए हैं। इन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है। चीन की स्टेट काउंसिल ने भूकंप प्रभावित इलाके में टास्क फोर्स भेजी है और लेवल-3 इमरजेंसी घोषित कर दी है। चीनी वायुसेना भी प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू में जुटी है। भूकंप की वजह से इलाके का इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह डैमेज हो गया है, जिससे यहां बिजली और पानी दोनों की सप्लाई बाधित हो गई हैं। भूकंप के मद्देनजर चीन ने माउंट एवरेस्ट के टूरिस्ट क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय अधिकारी भूकंप के नुकसान का आकलन करने के लिए इलाके के लोगों से संपर्क कर रहे हैं। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि 400 किमी दूर नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी इसका असर महसूस किया गया। बताया जा रहा है कि इस भूकंप का केंद्र उस जगह पर मौजूद है जहां भारत और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं। इन प्लेटों के टकराने से हिमालय के पर्वतों में ऊंची तरंगें उठती हैं।
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