सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार ने भूजल की क्वॉलिटी और क्वांटिटी के संबंध में काफी कार्य किए हैं । हरियाणा सरकार गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी के लिए 2200 निरीक्षण बिंदुओं का उपयोग कर रही है।
सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार ने भूजल की क्वॉलिटी और क्वांटिटी के संबंध में काफी कार्य किए हैं । हरियाणा सरकार गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी के लिए 2200 निरीक्षण बिंदुओं का उपयोग कर रही है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार ने भूजल की क्वॉलिटी और क्वांटिटी के संबंध में काफी कार्य किए हैं । हरियाणा सरकार गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी के लिए 2200 निरीक्षण बिंदुओं का उपयोग कर रही है। केंद्रीय भूजल बोर्ड जल की गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी करता है। भूजल लवणता और जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए अनुसंधान किए जा रहे हैं। 2018-19 में वर्टिकल ड्रेनेज तकनीक का उपयोग जलभराव की समस्या के समाधान के लिए किया गया।
श्रुति चौधरी ने बताया कि सिंचाई विभाग ने 2018-19 में 108.78 करोड़ रुपये खर्च कर 26,110 एकड़ भूमि को जलभराव से मुक्त किया। 2026-2031 तक दो लाख एकड़ भूमि के जलभराव को खत्म करने के लिए वर्ल्ड बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त की गई। साथ ही कहा कि "वॉटर सिक्योर हरियाणा" योजना के तहत जल की गुणवत्ता बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। भूजल संसाधन आकलन (GWRE) 2024 के तहत जल स्तर की निगरानी की जाएगी। हरियाणा नहर एवं निकासी अधिनियम, 1974 के तहत जल प्रदूषण पर दंड और कारावास का प्रावधान है। 13 जिलों (रोहतक, झज्जर, सोनीपत, भिवानी, हिसार, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा, पलवल, मेवात) में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए उप-सतही और वर्टिकल ड्रेनेज प्रणाली लागू की जा रही है।अटल भूजल योजना के तहत जल स्तर की निगरानी और जल पुनर्भरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भू जल सुधार करने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7000 प्रति एकड़ से बढ़ाकर 8,000 प्रति एकड़ की अनुदान राशि मिलेगी। माइक्रो इरिगेशन एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी (MICADA) के तहत 2020-21 में 85% सब्सिडी के साथ सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लागू की गई। 272,537 एकड़ भूमि पर 950 जल पुनर्भरण संरचनाएँ स्थापित की गईं। 2023-24 में 2,489 संरचनाएँ बनाई गईं और 2024-25 में 2,055 संरचनाएँ बनाई जाएँगी। 2024 के डायनामिक ग्राउंड वॉटर रिसोर्सेस एस्टीमेशन रिपोर्ट के अनुसार 2023 में 9.55 बिलियन क्यूबिक मीटर और 2024 में 10.32 बिलियन क्यूबिक मीटर जल पुनर्भरण किया गया।
वहीं उन्होंने बताया कि महेन्द्रगढ़ जिले में विभाग द्वारा करीब साढ़े 14 करोड़ रुपये की लागत से रिचार्जिंग का कार्य करवाया गया है जिससे 10 गांवों में जल स्तर में सुधार हुआ है। विभाग द्वारा गठित हरियाणा वॉटर रिसोर्स अथॉरिटी भी लगातार वॉटर ग्राउंड मैनेजमेंट को लेकर काम रही है।
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