हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और कर्मचारी इस मंदिर का स्तंभ है। किसी भी संस्थान की नींव कर्मचारी होते हैं और यह नींव रूपी कर्मचारी ही किसी संस्थान की मजबूती का प्रमाण होते हैं। इसलिए कर्मचारियों को स्वयं को अधिक से अधिक निपुण बनाना चाहिए।
विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और कर्मचारी इस मंदिर के स्तंभ - मुख्यमंत्री
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और कर्मचारी इस मंदिर का स्तंभ है। किसी भी संस्थान की नींव कर्मचारी होते हैं और यह नींव रूपी कर्मचारी ही किसी संस्थान की मजबूती का प्रमाण होते हैं। इसलिए कर्मचारियों को स्वयं को अधिक से अधिक निपुण बनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में हरियाणा विधानसभा के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण और लोकसभा के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की निदेशक जुबी अमर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सैनी ने कहा कि हम लोकतंत्र के ऐसे मंदिर में काम करते हैं, जहां प्रदेश के विकास से जुड़े जनहित के निर्णय लिए जाते हैं। इस महत्वपूर्ण संस्थान (विधानसभा) को सुचारू रूप से संचालित करने में हम सभी की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि आप सभी की निष्ठा, समर्पण ही इस संस्थान की मजबूती और विश्वसनीयता का आधार है। इसलिए हम सभी का आचरण मर्यादित होना चाहिए। हम सभी का लक्ष्य विधानसभा की गरिमा को बनाए रखना है और लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपना सहयोग देना है। हमें विधानसभा के कार्यों से सम्बंधित सभी विषयों की जानकारी होनी चाहिए।
सैनी ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हमें केवल व्यक्तिगत विकास ही नहीं करना बल्कि प्रदेश के हित में कार्य करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि हमें निष्पक्ष भाव से जनहित के कार्यों के लिए अपनी भूमिका निभानी है। विधानसभा के कार्यों में पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। कानून बनाने की प्रक्रिया कितनी जटिल होती है, यह हम सब जानते हैं। इस जटिल प्रक्रिया को सरल तरीके से लोगों तक पहुंचाने के कार्य में स्वयं को निपुण बनाने में यह कार्यशाला कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने घर में प्रत्येक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कार्य करते हैं, उसी प्रकार अपने कार्य स्थल पर भी जहां कमी देखें, उसे सही कराएं।
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