पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को देश-विदेश में बसे समस्त पंजाबियों को पंजाब, पंजाबीयत और विविधता में एकता के प्रतीक ‘खालसा पंथ के साजना दिवस’ और ‘वैशाखी’ के पावन अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को देश-विदेश में बसे समस्त पंजाबियों को पंजाब, पंजाबीयत और विविधता में एकता के प्रतीक ‘खालसा पंथ के साजना दिवस’ और ‘वैशाखी’ के पावन अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
खबर खास, पटियाला :
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को देश-विदेश में बसे समस्त पंजाबियों को पंजाब, पंजाबीयत और विविधता में एकता के प्रतीक ‘खालसा पंथ के साजना दिवस’ और ‘वैशाखी’ के पावन अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब में नतमस्तक होकर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की पूर्ण नम्रता और समर्पण भाव से सेवा करने के लिए ईश्वर से आशीर्वाद मांगा। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में अरदास करते हुए जाति, रंग, नस्ल और धर्म से ऊपर उठकर सभी नागरिकों की सेवा करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई ताकि एक सौहार्दपूर्ण समाज की स्थापना की जा सके।
भगवंत सिंह मान ने वाहे गुरु का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें पंजाब की जनता की आकांक्षाओं को पूरी ईमानदारी, समर्पण और निष्ठा के साथ पूरा करने की सेवा का अवसर मिला है, जो उनके लिए एक सौभाग्य है।
वैशाखी के इस शुभ दिन पर मुख्यमंत्री ने राज्य में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना की। उन्होंने दुनिया भर में बसे पंजाबियों को बधाई देते हुए उन्हें इस पर्व की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि 1699 में इस पवित्र दिन दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने विभिन्न क्षेत्रों और धर्मों से संबंध रखने वाले ‘पंज प्यारे’ को अमृत पान करवाकर पवित्र श्री आनंदपुर साहिब में ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दशम गुरु ने जात-पात रहित समाज की नींव रखी और मानवता के लिए प्रेम, करुणा, शाश्वत शांति और भाईचारे का संदेश दिया।
भगवंत मान ने आगे कहा कि यह पर्व रबी की फसलों के पकने और कटाई की शुरुआत को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह पर्व पंजाब और यहां के किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फसल कटाई और भंडारण के समय की शुरुआत का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक पर्व को पारंपरिक उत्साह और उमंग के साथ सामूहिक रूप से मनाएं ताकि हमारे देश की धर्मनिरपेक्ष सामाजिक संरचना को और अधिक मजबूती मिल सके।
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