नई पहल से युद्ध क्षमता, तकनीकी शिक्षा और परिचालन तैयारी में किया गया बड़ा सुधार
नई पहल से युद्ध क्षमता, तकनीकी शिक्षा और परिचालन तैयारी में किया गया बड़ा सुधार
खबर खास, चंडीगढ़/ तोक्यो (जापान) :
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने खुद को युद्ध-सक्षम, तकनीक-दक्ष और भविष्य के लिए तैयार बल में तब्दील करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। बल ने अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, शारीरिक मानकों और तकनीकी अभ्यास प्रणाली में व्यापक बदलाव किए हैं। इन सुधारों को अंतिम रूप हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी (निसा) में आयोजित वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन 2025 के दौरान महानिदेशक श्री राजविंदर सिंह भट्टी की अध्यक्षता में दिया गया।
सीआईएसएफ के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लेकर सीआईएसएफ की परिचालन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का रोडमैप तैयार किया गया।
उन्होंने बताया कि ‘वन फोर्स, वन स्टैंडर्ड’ नीति लागू की है, जिसके तहत सभी रैंकों को अब एनएसजी जैसे विशिष्ट बलों के कठोर युद्ध एवं शारीरिक मानकों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 26 बाधाओं वाला बैटल ऑब्स्टेकल असॉल्ट कोर्स, 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन और विशेष आतंकवाद-रोधी मॉड्यूल शामिल किए गए हैं। इन उपायों से प्रत्येक रिक्रूट में दृढ़ता, सामरिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास होगा।
उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ ने अपने प्रशिक्षण में 20 अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकों को शामिल किया है, जिनमें ड्रोन-रोधी प्रणालियां, साइबर सुरक्षा, कृत्रिण बुद्धिमत्ता उपकरण और एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र शामिल हैं। सभी प्रशिक्षण संस्थानों में डिजिटल एकीकृत नियंत्रण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे प्रशिक्षु पहले दिन से ही इन तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे।
उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ कर्मियों को आग, आपदा और चिकित्सा आपात स्थितियों में प्रथम प्रक्रिया कर्ता के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। सभी पात्र रिक्रूट हवाईअड्डा स्क्रीनिंग के लिए भी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिससे उनकी तत्काल तैनाती संभव होगी।
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