हादसे के वक्त 40 वर्कर कर रहे थे काम, मलबे में दबे 29 वर्करों को निकाला
हादसे के वक्त 40 वर्कर कर रहे थे काम, मलबे में दबे 29 वर्करों को निकाला
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के मुक्तसर में बीती देर रात एक पटाखा फैक्ट्री में धमाके से वहां काम कर रहे पांच वर्करों की मौत हो गई। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त फैक्टरी में कुल 40 लोग काम कर रहे थे। इनमें से 29 लोगों को मलबे से निकाला गया है। बचाव एवं राहत कार्य जारी है। घायलों को बठिंडा एम्स में भेजा गया है।
पुलिस के मुताबिक घायल वर्कर उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं। मृतकों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। घटना सिंघेवाला गांव में रात 1.30 बजे हुई। यहां काम करने वाले वर्कर अरुण ने बताया कि "हम रात की शिफ्ट के बाद सो रहे थे, तभी अचानक धमाका हुआ और कई लोग मलबे के नीचे दब गए। धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की इमारत का एक बड़ा हिस्सा ढह गया।"
स्थानीय लोगों के मुताबिक फैक्ट्री 2 मंजिला थी। पहली मंजिल पर कुछ कमरे बने हुए थे। फैक्ट्री में ही सभी वर्करों के रहने की व्यवस्था की गई थी। मौके से बारूद और केमिकल मिला है।
इस पूरे मामले में उपायुक्त अभिजीत कपलीश ने बताया कि उक्त पटाखा फैक्टरी को प्रशासन की तरफ से चलाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी। प्रशासन की पहली जिम्मेदारी घायलों का इलाज करवाना है। फैक्ट्री की जांच करने के बाद आरोपियों पर जरूर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, मुक्तसर के एसएसपी अखिल चौधरी ने कहा कि सुबह पुलिस को सूचना मिली थी। शुरुआती जांच में सामने आया कि यहां दो सेटअप किए हुए थे। एक तरफ पटाखे बनाए जा रहे थे, दूसरी तरफ उन्हें पैक किया जा रहा था। रात को पटाखों में आग लगी और धमाका हुआ। इससे बिल्डिंग गिर गई। तब कुछ वर्कर काम कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक इस फैक्टरी का संचालक तरसेम सिंह फतूहीवाला गांव का रहने वाला है। तरसेम सिंह ने करीब 7-8 साल पहले अपनी 7 से 8 एकड़ जमीन किसी व्यक्ति को बेच दी थी। उसके पास अब करीब आधा एकड़ जमीन बची है। इसी पर पांच महीने पहले फैक्ट्री लगाई थी। हालांकि पुलिस उसकी फैक्टरी की जानकारी जुटा रही है।
पुलिस का कहना है कि फैक्टरी संचालक के आने के बाद ही पता चलेगा इसके दस्तावेज है या नहीं। इस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। फैक्टरी संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक घायलों के बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं।
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