हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला और उपमंडल स्तर पर आयोजित समाधान शिविरों में जनता से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने लोगों की संतुष्टि के स्तर के बारे में प्रत्यक्ष रूप से जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और उपमंडल मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को भी प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से शिविर में उपस्थित होकर लोगों की शिकायतों का मौके पर ही समाधान करने के निर्देश दिए।
सीएम सैनी ने सभी जिलों के डीसी और एसडीएम को दिए निर्देश
सैनी ने समाधान शिविर में जनता से की बातचीत, लोगों की संतुष्टि के स्तर के बारे में प्रत्यक्ष रूप से फीडबैक लिया
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला और उपमंडल स्तर पर आयोजित समाधान शिविरों में जनता से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने लोगों की संतुष्टि के स्तर के बारे में प्रत्यक्ष रूप से जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और उपमंडल मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को भी प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से शिविर में उपस्थित होकर लोगों की शिकायतों का मौके पर ही समाधान करने के निर्देश दिए, ताकि शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और एसडीएम से प्राप्त शिकायतों, निपटाई गई शिकायतों और लंबित शिकायतों की संख्या के बारे में भी जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अक्टूबर से मार्च 2025 तक सभी जिलों में समाधान शिविरों में प्राप्त 18,925 शिकायतों में से 10,955 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है, 6,639 लंबित हैं और 1,331 को खारिज कर दिया गया है। इसी प्रकार, राज्यभर में शहरी स्थानीय निकायों में आयोजित समाधान शिविरों में प्राप्त 8,635 शिकायतों में से 5,761 का समाधान किया जा चुका है, 1,813 लंबित हैं और 1,061 को खारिज कर दिया गया है।
सैनी ने कहा कि विभिन्न विभागों से संबंधित जन शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने जिला एवं उपमंडल मुख्यालय स्तर पर समाधान शिविर शुरू किए हैं। ये शिविर प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहते हैं, ताकि अपने-अपने विभागों से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सके। उन्होंने यह भी
निर्देश दिए कि समाधान शिविरों के संबंध में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग राज्य सरकार की इस पहल का लाभ उठा सकें।
मुख्यमंत्री ने जिलों में लंबित शिकायतों का लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में शिकायतों के लंबित रहने का कड़ा संज्ञान लेते हुए उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर सप्ताह में एक बार इन शिकायतों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें, ताकि लंबित मामलों की संख्या शून्य हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नीतिगत निर्णयों से जुड़ी शिकायतों को मुख्य सचिव कार्यालय को भेजा जाना चाहिए, जहां उनके समाधान के लिए सरकार के स्तर पर निर्णय लिए जा सकते हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य लोगों के जीवन को आसान बनाना है, ताकि उन्हें अपने काम करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जिला स्तर के अलावा उप-मंडल मुख्यालयों पर भी नियमित रूप से समाधान शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि एसडीएम के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी भी इन शिविरों में मौजूद रहें, ताकि उनके विभागों से संबंधित जन शिकायतों का तुरंत समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि यदि शिकायतकर्ता को एक ही मुद्दे के लिए बार-बार समाधान शिविरों में जाना पड़ता है तो इसके लिए अधिकारी जवाबदेह होंगे।
मुख्यमंत्री ने समाधान शिविरों में लोगों से किया संवाद
मुख्यमंत्री ने जिला एवं उपमंडल मुख्यालयों पर आयोजित समाधान शिविरों में लोगों से संवाद किया तथा उपस्थित लोगों से फीडबैक लिया। संवाद के दौरान, रोहतक में समाधान शिविर में आई एक महिला ने एक निजी स्कूल द्वारा धारा 134-ए के तहत बच्चे के दाखिले के लिए फीस मांगने की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को शिकायतकर्ता की सहानुभूतिपूर्वक सुनवाई करने तथा मामले की गहन जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पानीपत में समाधान शिविर में अपने राशन कार्ड से संबंधित शिकायत लेकर आए एक प्रवासी मजदूर से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने "एक राष्ट्र- एक राशन कार्ड" योजना पर प्रकाश डाला।
एक अन्य मामले में, यमुनानगर के बिलासपुर में समाधान शिविर में आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को बताया कि कई प्रयासों के बावजूद, वह अपनी फसल के नुकसान का विवरण ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने में असमर्थ है। इस पर सैनी ने बिलासपुर के एसडीएम को निर्देश दिए कि वे इस मुद्दे को वित्त आयुक्त, राजस्व के समक्ष उठाएं और सुनिश्चित करें कि इसका जल्द से जल्द समाधान हो।
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