चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा परिसर बनाने के फैसले पर आम आदमी पार्टी (आप) ने विरोध का स्वर तेज करते हुए कहा कि पंजाब के लोगों के लिए चंडीगढ़ सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है, यह तीन करोड़ पंजाबियों की भावनाओं से जुड़ा मामला है।
चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा परिसर बनाने के फैसले पर आम आदमी पार्टी (आप) ने विरोध का स्वर तेज करते हुए कहा कि पंजाब के लोगों के लिए चंडीगढ़ सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है, यह तीन करोड़ पंजाबियों की भावनाओं से जुड़ा मामला है।
चंडीगढ़ सिर्फ जमीन का टुकड़ा ही नहीं है, यह तीन करोड़ पंजाबियों की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है - नील गर्ग
आम आदमी पार्टी ने सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आने की अपील की, कहा - मिलकर इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाएं
खबर खास, चंडीगढ़ :
चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा परिसर बनाने के फैसले पर आम आदमी पार्टी (आप) ने विरोध का स्वर तेज करते हुए कहा कि पंजाब के लोगों के लिए चंडीगढ़ सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है, यह तीन करोड़ पंजाबियों की भावनाओं से जुड़ा मामला है।
आप प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब के खिलाफ बड़ी साज़िश रच रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पर हर तरह से पंजाब का अधिकार है। इसे खरड़ के 22 गांवों को उजाड़कर बसाया गया था और चंडीगढ़ राजनीतिक सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक सभी तरह से पंजाब के साथ जुड़ा हुआ है। जानबूझकर विवाद पैदा करने के लिए यह फैसला लिया गया है। पंजाब के लोग इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गर्ग ने कहा कि जब हरियाणा को पंजाब से काटकर अलग राज्य बनाया गया था उस समय वादा किया गया था कि कुछ वक्त बाद चंडीगढ़ पंजाब को सौंप दिया जाएगा। जब तक हरियाणा अपनी अलग राजधानी नहीं बना लेता तब तक चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश रहेगा। केंद्र सरकार को इस वादे का ख्याल रखना चाहिए और चंडीगढ़ को पंजाब को वापस कर देना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया कि अगर हरियाणा सरकार इसके बदले चंडीगढ़ प्रशासन को पंचकूला में 12 एकड़ जमीन दे रही है फिर विधानसभा पंचकूला में ही क्यों नहीं बनाया जा रहा है? यह फैसला बिल्कुल गलत है। आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ पंजाब के लोगों के साथ मिलकर हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ेगी।
नील गर्ग ने आम आदमी पार्टी की तरफ से पंजाब के सभी विपक्षी पार्टियों से इस मामले पर साथ आने की अपील की और कहा कि यह किसी एक पार्टी या व्यक्ति का मसला नहीं है। यह तीन करोड़ पंजाबियों का मुद्दा है। इसलिए हमें मिलकर केन्द्र सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार सुनिश्चित करना चाहिए।
उन्होंने केन्द्र सरकार को भी चेतावनी देते हुए कहा कि पंजाबियों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करे। यह फैसला तुरंत वापस ले और वादे के मुताबिक चंडीगढ़ पंजाब को सौंपे। नील गर्ग ने पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ की इस फैसले के खिलाफ बोलने के लिए सराहना की और कहा कि उन्होंने भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व को आईना दिखाया है। उसे जाखड़ की बातों पर विचार करना चाहिए।
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