पारित किए गए प्रस्ताव को अब आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिसमें पंजाब की रिकवरी संबंधी सहायता के लिए तुरंत कार्रवाई हेतु की जाएगी अपील
पारित किए गए प्रस्ताव को अब आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिसमें पंजाब की रिकवरी संबंधी सहायता के लिए तुरंत कार्रवाई हेतु की जाएगी अपील
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब विधानसभा ने अपने विशेष सत्र के अंतिम दिन ‘पंजाब का पुनर्वास’ प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल द्वारा सत्र के पहले दिन (शुक्रवार) प्रस्तुत किया गया था, जिसमें व्यापक बाढ़ राहत और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए केंद्र सरकार से 20,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की गई थी।
इस प्रस्ताव को दो दिन के व्यापक विचार-विमर्श के बाद पारित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
पारित किए गए प्रस्ताव को अब आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिसमें प्रदेश की रिकवरी में सहायता के लिए तुरंत और सहानुभूतिपूर्ण कार्रवाई की अपील की जाएगी।
इस प्रस्ताव के संबंध में सोमवार को कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने चर्चा की शुरुआत की, जिसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रस्ताव के समर्थन में भाषण दिया। कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल, विधायक गुरदीप सिंह रंधावा और विधायक गुरप्रीत सिंह बनमाली के योगदान ने प्रदेश की सामूहिक मांग को और बुलंद किया।
इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार के पंजाब के प्रति ‘सौतेली मां वाले’ व्यवहार की निंदा की गई है और प्रधानमंत्री द्वारा पहले घोषित राहत को ‘अपर्याप्त’ बताया गया है। इसमें बाढ़ के कारण हुई भयावह तबाही के पैमाने पर प्रकाश डालते हुए प्रारंभिक मूल्यांकन के अनुसार अनुमानित 13,900 करोड़ रुपये के नुकसान का उल्लेख किया गया है और बाढ़ की स्थिति को और बिगड़ने से रोकने में भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) और भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) सहित केंद्रीय एजेंसियों की असफलताओं की आलोचना की गई है।
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