·इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने शहीद परिवारों और विभाजन पीड़ितों को सम्मानित किया
·इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने शहीद परिवारों और विभाजन पीड़ितों को सम्मानित किया
खबर खास, बठिंडा:
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने देशभक्ति, एकता और भारत के स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के बलिदान के प्रति गहरी श्रद्धा के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र विभिन्न कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक शामिल हुए। इस अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के तहत देशभक्तों को श्रद्धांजलि देना, शहीद परिवारों का सम्मान करना, विभाजन पीड़ितों के अनुभवों को साझा करना और तिरंगा मानव श्रृंखला जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
समारोह की शुरुआत कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी द्वारा राष्ट्रीय और विश्वविद्यालय ध्वज फहराने के साथ हुई, जिसके बाद परेड का निरीक्षण किया गया। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए प्रो. तिवारी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और अपने प्राणों की आहुति देने वाले अनगिनत शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने स्वाधीनता की अवधारणा पर जोर देते हुए 2047 तक विकसित भारत के विज़न को साकार करने के लिए आत्मनिर्भरता, नवाचार और राष्ट्र निर्माण का आह्वान किया।
प्रो. तिवारी ने शिक्षा की भूमिका पर बल देते हुए इसके चार उद्देश्य -- जानना सीखना, करना सीखना, साथ रहना सीखना और होना सीखना — को रेखांकित किया और उच्च शिक्षा संस्थानों से कौशल विकास, उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से सामाजिक प्रगति सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने 10वीं सिख बटालियन के शहीद हरबंस सिंह के पिता, पूर्व सैनिक जगजीत सिंह जी को सम्मानित किया। शहीद हरबंस सिंह ने 1998 में जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में अपने प्राणों की आहुति दी थी। तदुपरांत प्रदर्शन एवं ललित कला विभाग के छात्रों ने भावपूर्ण देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए, जबकि मंच संचालन प्रो. रमनप्रीत कौर ने किया। समारोह का समापन कुलसचिव डॉ. विजय शर्मा के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने देशभक्ति के उत्साह को बढ़ाते हुए हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगे के साथ मानव श्रृंखला बनाई।
समारोह के पश्चात कुलपति प्रो. तिवारी और शिक्षकों ने बठिंडा के फौजी चौक में शहीद नायब सूबेदार नंद सिंह (1947) की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया।
विभाजन पीड़ितों को सम्मान
कुलपति प्रो. तिवारी ने शिक्षकों के साथ विभाजन पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और प्रत्यक्षदर्शियों हरि चंद जी, कौशल्या देवी जी और कलावंती जी से बातचीत की। उनके आघात, क्षति और अलगाव के व्यक्तिगत अनुभवों को दस्तावेज़ीकृत किया गया, ताकि छात्रों में संवेदनशीलता बढ़े और युवाओं में स्वतंत्रता का वास्तविक मूल्य समझाया जा सके।
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