पंजाब का स्टेट एक्शन प्लान ‘रिवर्स’ दृष्टिकोण के आधार पर एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से निपटेगा “हम प्रभावशाली एंटीबायोटिक दवाओं को उस गति से खो रहे हैं, जो नई एंटीबायोटिक दवाओं की खोज की गति से कहीं अधिक है” – स्वास्थ्य मंत्री
पंजाब का स्टेट एक्शन प्लान ‘रिवर्स’ दृष्टिकोण के आधार पर एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से निपटेगा “हम प्रभावशाली एंटीबायोटिक दवाओं को उस गति से खो रहे हैं, जो नई एंटीबायोटिक दवाओं की खोज की गति से कहीं अधिक है” – स्वास्थ्य मंत्री
खबर खास, चंडीगढ़ :
पेनिसिलिन की खोज की 97वीं वर्षगांठ पर, पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज बढ़ते एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (ए एम आर ) के खतरे से निपटने के लिए एंटीमाइक्रोबियल स्टूवार्डशिप (ए एम एस) दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जिक्रयोग्य है कि मंत्री ने 15 सितंबर, 2025 को पंजाब- एस ए पी सी ए आर (एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की रोकथाम हेतु समर्पित स्टेट एक्शन प्लान) की शुरुआत की। इससे पंजाब भारत का सातवां और क्षेत्र का अग्रणी राज्य बन गया, जिसने एंटीबायोटिक्स के अति प्रयोग को रोकने के लिए समर्पित नीति अपनाई, जो कि एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, “97 साल पहले पेनिसिलिन की खोज ने आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति ला दी। इसके माध्यम से एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटी-फंगल दवाओं का मार्ग प्रशस्त हुआ और अंग प्रत्यारोपण जैसी जटिल सर्जरी संभव हुई। फिर भी, एक सदी से भी कम समय में, सूक्ष्मजीव मानवों से अधिक समझदार हो गए हैं और हमारे प्रमुख संस्थानपी जी आई चंडीगढ़ द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार इनमें प्रतिरोध क्षमता तेजी से विकसित हो रही है। यह एम ए आर अब चिकित्सकीय विज्ञान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुका है।”
मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहा, तो पिछली सदी की कई चिकित्सा प्रगतियाँ बेकार हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “हम प्रभावी एंटीबायोटिक दवाओं को उस गति से खो रहे हैं, जिस गति से नई एंटीबायोटिक दवाएँ बनाई जा रही हैं। इसका मतलब है कि सस्ती और मूल दवाएँ असफल हो रही हैं, जिसके कारण डॉक्टर आम बीमारियों के लिए भी महंगे विकल्पों का उपयोग करने को मजबूर हो रहे हैं।”
बताने योग्य है कि पंजाब-एस ए पी सी ए आर ने भाईवाल फोर्टिस अस्पताल, मोहाली द्वारा प्रस्तावित ‘रिवर्स ’ (आर.आई.वी.ई.आर.एस) दृष्टिकोण अपनाया है। यह छह-रणनीतिक-प्राथमिकताओं वाला ढांचा एएमआर से व्यापक रूप से निपटने के लिए तैयार किया गया है। ‘रिवर्स’ में प्रत्येक अक्षर एक मुख्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका उद्देश्य समग्र निगरानी को मजबूत करना, एंटीबायोटिक के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना, अंतर-क्षेत्रीय तालमेल बढ़ाना और जन जागरूकता को मजबूत करना है।
डॉ. सिंह ने आश्वासन दिया कि 28 सितंबर, 2028 तक पेनिसिलिन की 100वीं वर्षगांठ तक, पंजाब सामूहिक प्रयासों के माध्यम से एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध को प्रभावी रूप से काबू कर लेगा।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
Comments 0