पंजाब के सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा की दूसरी कतार को और मजबूत करने और निगरानी बढ़ाने के उद्देश्य से पंजाब पुलिस पठानकोट से फाजिल्का तक फैले सीमा क्षेत्रों में 703 रणनीतिक स्थानों पर 2300 सीसीटीवी कैमरे लगाएगी। इस बात की जानकारी सोमवार को यहां डीजीपी गौरव यादव ने दी।
डीजीपी ने पठानकोट में पुलिस बुनियादी ढांचे से संबंधित कई परियोजनाओं सहित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन का किया उद्घाटन
खबर खास, चंडीगढ़/पठानकोट :
पंजाब के सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा की दूसरी कतार को और मजबूत करने और निगरानी बढ़ाने के उद्देश्य से पंजाब पुलिस पठानकोट से फाजिल्का तक फैले सीमा क्षेत्रों में 703 रणनीतिक स्थानों पर 2300 सीसीटीवी कैमरे लगाएगी। इस बात की जानकारी सोमवार को यहां डीजीपी गौरव यादव ने दी।
उन्होंने कहा कि हम पठानकोट से फाजिल्का तक 703 रणनीतिक स्थानों पर 45 करोड़ रुपये की लागत से 2300 सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा की दूसरी कतार को और मजबूत कर रहे हैं।डीजीपी आज पठानकोट जिले के पुलिस स्टेशन डिवीजन-1 की दूसरी मंजिल पर स्थित नए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के उद्घाटन सहित जिले में पुलिस बुनियादी ढांचे से संबंधित कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने आए थे।
उन्होंने कहा कि यह अत्याधुनिक सुविधा जटिल साइबर अपराधों से निपटने और ऑनलाइन धोखाधड़ी के पीड़ितों को त्वरित एवं प्रभावी समाधान प्रदान करने के लिए उन्नत तकनीक से लैस है। उन्होंने आगे कहा कि नागरिक सीधे पुलिस स्टेशन या टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 पर साइबर अपराधों की रिपोर्ट कर सकते हैं।
डीजीपी ने नवीनीकृत पुलिस कमांड और कंट्रोल सेंटर का भी उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य पूरे पठानकोट में आने-जाने वाले सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर रखकर सीमा जिले में सुरक्षा को बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि 344 एचडी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें ऑटो नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे शामिल हैं, और सुरक्षा की दूसरी कतार, ग्रामीण क्षेत्रों और पूरे पठानकोट शहर सहित प्रमुख क्षेत्रों की लाइव कवरेज की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए 357 और कैमरे लगाए जा रहे हैं। डीजीपी ने पुलिस स्टेशन नरोट जैमल सिंह में पंजाब पुलिस, भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों/कर्मचारियों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता भी की।
ड्रोन और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए उच्च स्तरीय समन्वय और प्रयासों की सराहना करते हुए, डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस, सेना, बीएसएफ और केंद्रीय एजेंसियों को पाकिस्तान-आईएसआई के निर्देशों पर काम करने वाले आतंकवादियों, गैंगस्टरों और नशा तस्करों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जानकारी साझा करना बेहद आवश्यक है और इन खतरों से निपटने के लिए एजेंसियों के बीच समन्वय समय की मांग है।
उन्होंने पंजाब पुलिस और बीएसएफ के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी को और प्रभावी ढंग से निभाने के लिए प्रेरित करने हेतु डीजीपी प्रशंसा डिस्क और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया।
डीजीपी ने पठानकोट पुलिस द्वारा आयोजित 'वड्डा खाना' दोपहर के भोजन में हिस्सा लिया। इस दौरान सभी रैंकों के अधिकारियों को पुलिस बल के प्रमुख के साथ संवाद करने और विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला, जिससे क्षेत्र में प्रभावी टीम वर्क के लिए आवश्यक संबंध मजबूत हुए।
बाद में, डीजीपी ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बीएसएफ की शहीद कमलजीत सिंह बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) का भी दौरा किया और वहां तैनात सुरक्षा बलों के साथ बातचीत की।
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