यह समझौता पंजाब सरकार और डॉ. बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मोहाली, तथा विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ, अमृतसर के बीच अनन्या बिरला फाउंडेशन के सहयोग से किया गया है।
यह समझौता पंजाब सरकार और डॉ. बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मोहाली, तथा विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ, अमृतसर के बीच अनन्या बिरला फाउंडेशन के सहयोग से किया गया है।
डेटा इंटेलिजेंस और तकनीकी सहायता इकाई स्थापित करने के लिए समझौता
खबर खास, चंडीगढ़ :
मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज नशाखोरी और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर नशे के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए डेटा इंटेलिजेंस और तकनीकी सहायता इकाई स्थापित करने के लिए एक समझौता किया है।
यह समझौता पंजाब सरकार और डॉ. बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मोहाली, तथा विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ, अमृतसर के बीच अनन्या बिरला फाउंडेशन के सहयोग से किया गया है।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि यह पहल पंजाब सरकार द्वारा नशे के खिलाफ चल रही जंग का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि डेटा इंटेलिजेंस और तकनीकी सहायता इकाई स्थापित करने की यह अनूठी पहल राज्य में नशे के खतरे से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह समझौता पंजाब सरकार द्वारा नशे की रोकथाम और पुनर्वास के लिए किए जा रहे व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ युद्ध ने राज्य में नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ दिया है और इस आपूर्ति के खत्म होने के साथ नशे से प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि नशा पीड़ितों को नशे के जाल से बाहर निकालने और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता करने के लिए सरकार न केवल विभिन्न सुविधाओं से लैस पुनर्वास केंद्र स्थापित कर रही है, बल्कि नशे की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए चिकित्सा देखभाल, शिक्षा और रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि नशा विरोधी अभियान के दूसरे चरण में डेटा इंटेलिजेंस और तकनीकी सहायता इकाई स्थापित करके मनो-सामाजिक देखभाल का एक व्यापक मॉडल लागू किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह इकाई मेडिकल अधिकारियों, मनोवैज्ञानिकों, पुलिस कर्मियों और फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाकर नशा विरोधी अभियान में तकनीकी सहायता प्रदान करेगी।
मुख्य मंत्री ने कहा कि यह इकाई पुनर्वास से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियां विकसित करने, ओ.ओ.ए.टी. (आउटपेशेंट ओपियोइड असिस्टेड ट्रीटमेंट) क्लीनिकों की सुचारू कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और आम लोगों तक आसान पहुंच के प्रयासों को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह इकाई पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यह केंद्रीकृत इंटेलिजेंस इकाई नशा छुड़ाने, पुनर्वास और ओ.ओ.ए.टी. मरीजों के बारे में ठोस डेटा प्रदान करेगी, प्रभावी नीतियां डिजाइन करने और लागू करने में मदद करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एम्स के राष्ट्रीय ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर, आई.आई.टी. रोपड़, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई और पी.जी.आई. चंडीगढ़ जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञ इस इकाई को समय-समय पर सहायता प्रदान करेंगे।
मुख्य मंत्री ने कहा कि यह इकाई एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स, पंजाब पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और डेटा साइंस से संबंधित संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि अनन्या बिरला फाउंडेशन (ए.बी.एफ.) इस इकाई की तकनीकी क्षमताओं और संसाधनों के संबंध में सहायता प्रदान करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कार्यक्रम एक केंद्रीकृत तकनीकी इकाई के रूप में एक हब एंड स्पोक मॉडल पर आधारित होगा, जिसमें पटियाला, जालंधर, अमृतसर, फरीदकोट और मोहाली के पांच मेडिकल कॉलेज क्लस्टर संसाधन केंद्रों के रूप में काम करेंगे।
मुख्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया गया है और यह अभियान लोगों के सक्रिय समर्थन और सहयोग से ही सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों की लड़ाई है और आम लोगों के समर्थन के बिना इसे जीता नहीं जा सकता। भगवंत सिंह मान ने लोगों को इस नेक कार्य में सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया ताकि पंजाब को देश का एक प्रगतिशील और अग्रणी राज्य बनाया जा सके।
मुख्य मंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग एक जन आंदोलन में बदल गई है, जिसके लिए लोगों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाना अत्यंत आवश्यक है और यह आने वाली पीढ़ियों की लड़ाई है और इसका समर्थन करना प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक नशे का पूर्ण उन्मूलन नहीं हो जाता।
मुख्य मंत्री ने अनन्या बिरला फाउंडेशन की संस्थापक अनन्या बिरला द्वारा राज्य सरकार के साथ हाथ मिलाकर इस नेक उपक्रम में सहयोग देने के लिए धन्यवाद भी किया।
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