पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज बताया कि राज्य में 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में नकल को पूरी तरह रोकने के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी एस ई बी ) द्वारा 278 उड़न दस्ते बनाए गए हैं, और प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होंगे।
बैंस ने अधिकारियों को अचानक चेकिंग करने और सीमावर्ती इलाकों के स्कूलों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज बताया कि राज्य में 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में नकल को पूरी तरह रोकने के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी एस ई बी ) द्वारा 278 उड़न दस्ते बनाए गए हैं, और प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि इन उड़न दस्तों का नेतृत्व ज़िला शिक्षा अधिकारियों (डी ई ओ), प्रिंसिपलों, पी एस ई बी के सदस्यों और बोर्ड की अकादमिक काउंसिल के सदस्य करेंगे। ये टीमें नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण करेंगी।
उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों का अचानक दौरा करने और सीमावर्ती क्षेत्रों के स्कूलों की विशेष निगरानी करने के निर्देश दिए हैं ताकि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की अनियमितता न हो और नकल को पूरी तरह से रोका जा सके। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि सभी विद्यार्थियों के लिए परीक्षा संबंधी नियमों का पालन करने वाला निष्पक्ष और समान वातावरण बनाया जाए।
बैंस ने बताया कि राज्य में 8.82 लाख से अधिक विद्यार्थी 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बड़ी संख्या इन परीक्षाओं के शैक्षणिक भविष्य को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परीक्षाओं की गुणवत्ता और गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करेगी कि हर विद्यार्थी को अपने ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन करने का उचित और समान अवसर
मिले। उड़न दस्तों का गठन और औचक निरीक्षण का उद्देश्य एक ऐसा माहौल बनाना है जिसमें शैक्षणिक गुणवत्ता और ईमानदारी को बढ़ावा मिले और उसकी सराहना की जाए।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों को आसान रास्ते अपनाने की बजाय कठिन मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सच्ची सफलता गलत तरीकों से नहीं, बल्कि समर्पण, लगन, निरंतर मेहनत और अथक प्रयासों से मिलती है। पढ़ाई के प्रति समर्पित होकर और चुनौतियों का सामना करके, विद्यार्थी अपने कौशल को निखार सकते हैं और ऐसा ज्ञान अर्जित कर सकते हैं जो उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षाएं पास करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत विकास और चरित्र निर्माण का भी साधन है। कठिन परिश्रम का चुनाव करके, विद्यार्थी न केवल
अपनी शैक्षणिक योग्यताओं में वृद्धि करते हैं, बल्कि अनुशासन और ईमानदारी जैसे गुण भी विकसित करते हैं। उन्होंने कहा कि ये गुण न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि जीवन के हर पहलू में आवश्यक हैं, जो उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने और अवसरों को सफलता में बदलने में मदद करेंगे। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी दीं।
Comments 0