कहा, नोटिफिकेशन पर अस्थायी रोक सिर्फ आंखों में धूल झोंकने वाली कार्रवाई
कहा, नोटिफिकेशन पर अस्थायी रोक सिर्फ आंखों में धूल झोंकने वाली कार्रवाई
खबर खास, एसएएस नगर (मोहाली) :
पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलबीर सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी में से पंजाब की प्रतिनिधित्व समाप्त करने वाले नोटिफिकेशन पर लगाई गई अस्थायी रोक को महज़ एक “आंखों में धूल झोंकने वाली कार्रवाई” करार दिया है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार सचमुच अपनी गलती सुधारना चाहती है, तो उसे पिछले साल होने वाले सीनेट और सिंडिकेट चुनावों की प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी चाहिए।
सिद्धू ने आज जारी एक प्रेस बयान में कहा कि केंद्र सरकार की मंशा पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रबंधन से पंजाब की भागीदारी खत्म करने की तभी स्पष्ट हो गई थी, जब उसने पिछले साल जनवरी में सीनेट चुनावों की प्रक्रिया शुरू ही नहीं की। उन्होंने बताया कि हर चार साल में सीनेट और सिंडिकेट के चुनाव जनवरी में शुरू किए जाते हैं क्योंकि इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग आठ महीने लगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों, शिक्षकों और छात्र प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार मांग पत्र देने के बावजूद इन चुनावों को न करवाकर केंद्र सरकार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का गला घोंट दिया है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश की सभी शैक्षणिक संस्थाओं में ‘भगवा परचम’ लहराना चाहती है, और इसी उद्देश्य से उसने नई शिक्षा नीति लागू की थी। उन्होंने कहा कि अब मोदी सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों को सीधे अपने नियंत्रण में लेकर ऐसे कोर्स शुरू करने की कोशिश कर रही है, जिनसे छात्रों के मन से उनकी क्षेत्रीय भाषा, संस्कृति और भावनाओं को हटाकर तथाकथित ‘भाजपाई देशप्रेम’ भरा जा सके।
सिद्धू ने पंजाब यूनिवर्सिटी की असली पहचान और अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्षरत समूहों को अपना पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया और अपील की कि जब तक सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने वाला नोटिफिकेशन रद्द नहीं किया जाता और चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रखा जाए।
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