मिसेज़ सुप्रानैशनल 2025 में भारत की पहली रनर अप बनीं नवदीप कौर
मिसेज़ सुप्रानैशनल 2025 में भारत की पहली रनर अप बनीं नवदीप कौर
खबर खास, चंडीगढ़ :
'यदि मन में कुछ बड़ा करने का जज्बा हो तो मंजिल अवश्य मिलती है।' यह कहना है नवदीप कौर का। नवदीप हाल ही में गोवा के ताज विवांता में आयोजित मिसेज़ सुप्रानैशनल 2025 प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला रनर-अप खिताब जीतकर इतिहास रच चुकी हैं।
यहां पत्रकारों से बातचीत में नवदीप कौर ने जीवन में पेश आ रही चुनौतियों का डटकर सामना करने और बावजूद इन सबके अपने जुनून में कमी नहीं आने की बात कही।
सैन्य परिवार में पैदा हुई नवदीप को भारत के विभिन्न हिस्सों में रहने का अवसर मिला। इसके बाद वह पंजाब पहुंचीं और यहां ड्रग कंट्रोल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हुईं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें कला, चित्रकला और अकादमिक प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिले। वे भारत सरकार द्वारा बाला चित्र रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय ओलंपियाड और यूनेस्को परीक्षाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
स्कूली शिक्षा के दौरान वे स्काउट्स और गाइड्स की कप्तान रहीं और पूर्वोत्तर भारत स्तर पर पहला पुरस्कार जीता। मात्र छह वर्ष की आयु से उनका डांस की दुनिया से जुड़ाव हुआ और बाद में वे ऑल इंडिया रेडियो की सबसे कम उम्र की आरजे बनीं। कॉलेज के दौरान वे पहली बार गुजरात से पंजाब आईं ताकि पंजाबी संस्कृति को सीख सकें, जिससे उनके जीवन को नई दिशा मिली। नौकरी के साथ-साथ उन्होंने डांस और फैशन को कभी अपने से दूर नहीं होने दिया। कलर्स और सोनी जैसे टीवी चैनलों पर भी उन्होंने कार्य किया। इसके अलावा, पंजाब सरकार द्वारा उन्हें चार बार सम्मानित किया जा चुका है।
रीढ़ की चोट के बावजूद कभी मन से नहीं मानी हार
नवदीप कौर ने बताया कि निजी जीवन में उतार-चढ़ाव, पति से अलगाव और छोटे बच्चे की जिम्मेदारी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। इसी दौरान रीढ़ की चोट की वजह से उन्हें लंबे समय तक बिस्तर पर रहना पड़ा, लेकिन उनका जज़्बा कभी कमजोर नहीं हुआ। इसी संकल्प की बदौलत उन्होंने मिसेज़ सुप्रानैशनल 2025 का खिताब जीता।
कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर करती हैं समाज कल्याण के कार्य
वे कई सामाजिक संस्थाओं,निरंजना फाउंडेशन, सप्त सिंधु आदि जुड़कर दिव्यांग बच्चों और विधवा महिलाओं के लिए कार्य करती रही हैं। हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने कमल के फूल वाला विशेष भारतीय परिधान पहनकर प्रस्तुति दी, जिसके लिए उन्हें न केवल फर्स्ट रनर-अप का स्थान मिला, बल्कि नेशनल कॉस्ट्यूम अवॉर्ड और मिसेज़ ग्लोबल एंबेसडर का सम्मान भी प्राप्त हुआ। उनके अनुसार, यह उपलब्धि हासिल करने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं।
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