केंद्रीय टीम के फसलों के नुकसान की रिपोर्ट न सौंपने और पंजाब सरकार पर मुआवजा को लेकर तत्पर्ता नहीं दिखाने पर जताया एतराज
चेतावनी- हमारी हवा किसी राज्य को प्रदूषित नहीं करती, पंजाब को बदनाम करना बंद करे दिल्ली सरकार
बोले, पंजाब हित में मुख्यमंत्री मान को साइंटफिक रिसर्च आंकड़ों के साथ दिल्ली जाकर करनी चाहिए प्रेसवार्ता, आईटी सैल पर हो पर्चा दर्ज
खबर खास, चंडीगढ़ :
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने पंजाब के किसानों और खेतीबाड़ी को लेकर चिंता जताई, वहीं केंद्र व राज्य सरकार की चुपी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के किसानों पर दोहरी मार मारी जा रही है। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
एक तरफ पंजाब के किसानों को बाढ़ के कारण खराब हुई उनकी धान की फसल को प्रति क्विंटल 50 से 500 रुपए से कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली में प्रदूषण के दोष पंजाब और किसानों के सिर मढ़ा जा रहा है। एमएसपी पर धान की खरीद करने की बजाए दोनों ही सरकारें अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हैं।
परगट सिंह ने इस बात पर कड़ा एतराज जताया है कि 14 मैंबरी केंद्रीय टीम ने भी अभी तक अपनी फसल के नुकसान को लेकर रिपोर्ट नहीं सौंपी है और न ही पंजाब सरकार ने मुआवजे के लिए कोई तत्पर्ता दिखाई है। दोनों सरकारों की इस मामले में उदासीनता किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने दोनों सरकारों को चेताया कि यह समय घोषणाओं का नहीं बल्कि कार्रवाई करने का है, ताकि किसानों को उनका हक मिल सके।
उन्होंने कहा कि जब पंजाब के किसान बाढ़ और बारिश के बाद खराब फसलों के कारण घाटे का सामना कर रहे हैं तो केंद्र की भाजपा सरकार उन्हें राहत देने में देरी कर रही है। जब किसान अपनी मदद के लिए गुहार लगाते हैं तो आम आदमी पार्टी की सरकार केंद्र को दोषी ठहरा कर खुद पल्ला झाड़ रही है। इन सब में सिर्फ किसान ही पीस रहा है। यह आपराधिक लापरवाही का मामला है। पंजाब के किसानों को न्याय मिलना चाहिए।
उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब को दोषी ठहराए जाने और झूठी बातें फैलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी की आईटी सैल टीम को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला हर साल का है। उन्होंने कहा कि पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी की स्टडी दिखा चुकी है कि पंजाब का कोई प्रदूषण दिल्ली नहीं जाता है।
हैरानी की बात यह है कि भगवंत मान सरकार पूरी तरह चुप है। जानबूझ कर चलाई जा रही नफरत की मुहिम के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाने पर पंजाब सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि- क्या अब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार नहीं है? या फिर पंजाब के मुख्यमंत्री को ए-टीम के खिलाफ एक्शन नहीं लेने के लिए कहा गया है?
उन्होंने कहा कि भगवंत मान को चाहिए कि वह सैंटेफिक आंकड़ों के साथ दिल्ली जाकर प्रेसवार्ता करे और पंजाब को बदनाम होने से बचाए। गलत वीडियो चलाने वाले आईटी सैल पर पर्चा दर्ज कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब और किसानों को बदनाम करने के लिए भाजपा और आप की कोई भी साजिश को अब कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
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