पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार अपनाने और किसानों को उनकी हक़ी मांगें रखने का मौका न देने की कड़ी आलोचना की।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार अपनाने और किसानों को उनकी हक़ी मांगें रखने का मौका न देने की कड़ी आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने की कडी आलोचना ; देशवासियों की समस्याओं को सुलझाने के बजाय 'ग्लोबल लीडर' बनने के लिए तत्पर हैं प्रधानमंत्री
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार अपनाने और किसानों को उनकी हक़ी मांगें रखने का मौका न देने की कड़ी आलोचना की।
एक बयान में मुख्यमंत्री ने अफसोस जताया कि स्वयंभू 'ग्लोबल लीडर' नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हस्तक्षेप करने के लिए ज्यादा तत्पर हैं, लेकिन देश के अन्नदाताओं के प्रति प्रधानमंत्री का रवैया उदासीन है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के किसानों की हक़ी मांगों को बुरी तरह नजरअंदाज कर रही है, जो कि अत्यंत निंदनीय है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री देशवासियों को दरपेश मसले हल करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप करके 'ग्लोबल लीडर' के रूप में उभरने के लिए ज्यादा चिंतित हैं।
मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी को याद दिलाया कि जब देश अनाज उत्पादन के गंभीर संकट का सामना कर रहा था, तब राज्य के मेहनती किसानों ने देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों ने राष्ट्रीय अन्न भंडार भरने के लिए बेशकीमती प्राकृतिक संसाधन उपजाऊ मिट्टी और पानी को दांव पर लगा दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों के बड़े योगदान के बावजूद केंद्र सरकार ने उनके प्रति विरोधी रवैया अपनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी से 200 किलोमीटर दूर बैठे किसानों की बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को अपना अहंकारी रवैया छोड़ने और आंदोलनकारी किसानों से बातचीत का रास्ता खोलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि केंद्र को किसानों से बातचीत करने के लिए किसी विशेष मौके की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि प्राथमिकता के आधार पर किसानों की शिकायतों का समाधान करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि समय की मांग है कि किसानों के मसलों को बड़े जनहित में जल्द से जल्द हल किया जाए।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024
Comments 0