सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एनएएलएसए) ने देशभर में हर वर्ग तक मुफ्त और सुलभ कानूनी सहायता पहुंचाने की प्रतिबद्धता के तहत दो नियुक्तियाँ की हैं।
सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एनएएलएसए) ने देशभर में हर वर्ग तक मुफ्त और सुलभ कानूनी सहायता पहुंचाने की प्रतिबद्धता के तहत दो नियुक्तियाँ की हैं।
खबर खास, चंडीगढ़ :
सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एनएएलएसए) ने देशभर में हर वर्ग तक मुफ्त और सुलभ कानूनी सहायता पहुंचाने की प्रतिबद्धता के तहत दो नियुक्तियाँ की हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि माननीय जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, जो पहले सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (एस.सी.एल.एस.सी) के चेयरमैन के रूप में कार्य कर चुके हैं, अपने क्षेत्र में विशेष अनुभव रखते हैं। उनकी योग्य अगुवाई में एन.ए.एल.एस.ए का उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 39-ए के तहत पूरे देश में समाज के हाशिये और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक न्याय की पहुँच सुनिश्चित करना है।
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्य कांत को भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (एस.सी.एल.एस.सी) के नए चेयरमैन के रूप में नामित किया गया है।
इस नामांकन के बारे में अधिसूचना 12 नवंबर 2024 को सरकारी गजट में जारी की गई थी। इसमें कहा गया कि जस्टिस सूर्य कांत इस पद पर जस्टिस गवई का स्थान लेंगे, जिनका मुख्य उद्देश्य उन लोगों तक न्याय पहुंचाना है जो वित्तीय या सामाजिक बाधाओं के कारण न्याय से वंचित रह जाते हैं।
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2024 को भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा सरकारी गजट में अधिसूचित के अनुसार यह नियुक्ति कानूनी सेवाएं प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 3 की उप-धारा (2) की धारा (बी) के तहत की गई थी और यह 11 नवंबर से प्रभावी हो गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि ये नियुक्तियाँ एन.ए.एल.एस.ए की सभी नागरिकों के लिए न्याय की समान उपलब्धता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
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November 09, 2024
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