मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, यह प्रक्रिया, जो आमतौर पर विद्युत उप-मंडल स्तर पर की जाती है, तत्कालीन मुख्य सचिव की देख-रेख में त्वरित गति से आगे बढ़ाई गई।