मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से आग्रह किया है कि वे हरियाणा में अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर प्रदेश की प्रगति और विकास में सक्रिय रूप से भागीदार बनें।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से आग्रह किया है कि वे हरियाणा में अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर प्रदेश की प्रगति और विकास में सक्रिय रूप से भागीदार बनें।
हरियाणा बना राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की पहली पसंद
प्रदेश में 10 नये औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) जल्द विकसित की जाएंगी
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में एक अनुकूल और सुदृढ़ औद्योगिक वातावरण तैयार किया है। इसके परिणामस्वरूप हरियाणा न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उद्योगों और कंपनियों की पहली पसंद बन चुका है। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से आग्रह किया है कि वे हरियाणा में अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर प्रदेश की प्रगति और विकास में सक्रिय रूप से भागीदार बनें।
मुख्यमंत्री मंगलवार देर सायं अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर पर पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली के प्रमुख उद्योगपति उपस्थित रहे।
सैनी ने कहा कि किसी भी प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए सड़क, रेल, हवाई कनेक्टिविटी एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं का होना अनिवार्य है। उन्हें गर्व है कि हरियाणा में उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप ये सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। आज प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों की बड़ी कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित कर रही हैं, जिससे हरियाणा के औद्योगिक विकास को मजबूती मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार और उद्योगपतियों के बीच सीधे संपर्क को मजबूत करने तथा उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए सरकार ने कई सुधार लागू किए हैं। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम से आगे बढ़कर सिंगल रूफ सिस्टम लागू किया गया है, जिसके तहत हर सेवा के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित की गई है। विभिन्न विभागों से मिलने वाली एनओसी की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिसमें कम से कम 15 दिन और अधिकतम 45 दिन का समय निर्धारित किया गया है।
सैनी ने कहा कि उन्होंने वित मंत्री के रूप में वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत हरियाणा के बजट में औद्योगिक विकास और स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 नये औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) विकसित की जाएंगी जिसकी योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा, नवोदित उद्यमियों को सहयोग देने के लिए सरकार स्टार्टअप इकोसिस्टम को बेहतर बना रही है। अनुसंधान और विकास तथा निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार फंड आफ फंड्स बना रही है।
उन्होंने कहा कि भविष्य की प्रौद्योगिकियों और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक समावेशी बजट परिकल्पना को साकार करने के लिए उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से बजट पूर्व परामर्श किया और उनके सुझाव आमंत्रित किए। इसी क्रम में उन्होंने उद्योगपतियों और स्टार्टअप्स से भी परामर्श लिया, उनके अनुभव जाने और सुझाव प्राप्त किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपतियों और स्टार्टअप्स से मिले उत्कृष्ट सुझावों को बजट में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में हरियाणा की भागीदारी बढ़ाने के लिए नए-नए क्षेंत्रों को जोड़ने के साथ विकसित हरियाणा वर्ष 2047 के लिए प्रदेश सरकार का विजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हरियाणा को 2047 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसको हासिल करने के लिए उद्योग सहित सभी क्षेत्रों की सक्रिया भागीदारी आवश्यक है।
इस मौके पर सैनी ने ‘हरियाणा: गेटवे टू नॉर्दर्न इंडियाज इंडस्ट्रियल ट्रांसफॉर्मेशन’ पर वाइट पेपर का तथा ‘ट्रेडिशनल क्राफ्ट ऑफ हरियाणा ऑन ग्लोबल रनवे’ का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित प्रमुख उद्योगपतियों से सुझाव लिए और प्रदेश सरकार की ओर से उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
इससे पूर्व, कार्यक्रम में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष हेमंत जैन तथा पंजाब चैप्टर के चेयरमैन करण गिल्होत्रा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध करवाने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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