हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के कार्यान्वयन के साथ ही शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को किफायती आवास उपलब्ध करवाने की दिशा बड़ा कदम उठाया है।
हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के कार्यान्वयन के साथ ही शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को किफायती आवास उपलब्ध करवाने की दिशा बड़ा कदम उठाया है।
योजना के लाभ गरीबों तक अवश्य पहुंचे-मुख्य सचिव
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के कार्यान्वयन के साथ ही शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को किफायती आवास उपलब्ध करवाने की दिशा बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर परिवार के सिर पर छत के सपने को साकार करने की दिशा में
केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में देशभर में शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को किफायती आवास उपलब्ध करवाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विजन के अनुरूप, हरियाणा ने पीएमएवाई-यू 2.0 का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं।
हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने आज यहां प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के लिए राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति (एसएलएसएमसी) की 17वीं बैठक और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के लिए एसएलएसएमसी की पहली बैठक की अध्यक्षता की।
डॉ. जोशी ने फंड वितरण में खामियों को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया और किसी भी तरह की वित्तीय अनियमितता को रोकने के लिए अधिकारियों को ओटीपी-आधारित सत्यापन प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से योजना के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 15,256 आवेदकों को पक्के मकान बनाने के लिए एक मरला प्लॉट आवंटित किए गए हैं। इन सभी लाभार्थियों को पीएमएवाई-यू 2.0 के बेनेफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (बीएलसी) वर्टिकल के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
पीएमएवाई-यू 2.0 शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) की आवास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती है। लाभार्थी परिवार को पति, पत्नी, अविवाहित बेटे और/या अविवाहित बेटियों के रूप में परिभाषित किया गया है। इस योजना के तहत पात्र होने के लिए परिवार के पास देश में कहीं भी पक्का मकान (स्थायी आवास इकाई) नहीं होना चाहिए। पीएमएवाई-यू 2.0 ईडब्ल्यूएस परिवारों (वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक), एल परिवारों (3 लाख से 6 लाख रुपये तक) और एमआईजी परिवारों (6 लाख से 9 लाख तक) को किफायती आवास के अवसर प्रदान करता है। योजना के तहत विधवाओं, एकल महिलाओं, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडरों, अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तियों और स्ट्रीट वेंडर्स और निर्माण श्रमिकों जैसे अन्य कमजोर वर्गों सहित कमजोर समूहों को प्राथमिकता दी जाती है।
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