* हरियाणा ने डिविजिबल-पूल में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने का किया समर्थन * मुख्यमंत्री ने 'डेवोलुशन-क्राइटेरिया' में 'एनसीआर-कंट्रीब्यूशन' और 'आर्म्ड फोर्सिज' की भागीदारी को शामिल करने का किया आग्रह
* हरियाणा ने डिविजिबल-पूल में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने का किया समर्थन * मुख्यमंत्री ने 'डेवोलुशन-क्राइटेरिया' में 'एनसीआर-कंट्रीब्यूशन' और 'आर्म्ड फोर्सिज' की भागीदारी को शामिल करने का किया आग्रह
खबर खास, चंडीगढ़ :
16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज यहाँ आयोग की "कंसल्टेशन-विजिट" के दौरान बैठक की।
बैठक के बाद डॉ. पनगढ़िया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश की वित्तीय जरूरतों और राजस्व हस्तांतरण की मांगों के बारे में एक प्रजेन्टेशन दिया गया है।
डॉ. पनगढ़िया ने बताया कि इस प्रजेन्टेशन में अब तक हुई हरियाणा की आर्थिक प्रगति को दर्शाया गया था। इसके अलावा , प्रदेश सरकार ने उनके समक्ष आपत्ति जताई गई है कि पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा राज्य को "सेंट्रल टैक्स रेवेन्यूज" के हस्तांतरण में अपने हिस्से से कम प्राप्त हुआ है। डॉ. पनगढ़िया ने माना कि हरियाणा की ओर से इस मामले में मजबूती से पक्ष रखा गया है।
डॉ. पनगढ़िया ने बताया कि वित्त आयोग की प्राथमिक भूमिका स्थानीय निकायों और आपदा राहत के लिए अनुदान देना होता है। इसके अलावा, केंद्र और राज्यों के बीच केंद्र सरकार के टैक्स-रेवेन्यूज का विभाजन करना है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार अन्य राज्य डिविजिबल-पूल में मौजूदा हिस्सा 41% से बढ़ाकर 50% करने की मांग उठाते रहे हैं , हरियाणा ने भी उसी मांग को आयोग के समक्ष रखा है। उन्होंने यह भी बताया कि "होरिजेंटल-डिविजिबल" पर हरियाणा ने पिछले फॉर्मूले की तुलना में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों करने का भी प्रस्ताव रखा है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा द्वारा बदलाव के लिए जो प्रमुख सिफारिशें की गई हैं , उनमें जनसंख्या के वेटेज ( Weightage) को 15% से घटाकर 7.5% करना और एरिया के वेटेज को 15% पर बनाए रखना शामिल है। हरियाणा ने वन्य और पारिस्थितिकी को दिए जाने वाले वेटेज को 10% से घटाकर 5% करने का भी प्रस्ताव दिया है। हरियाणा ने इन्कम-डिस्टेंस वेटेज को 45% से घटाकर 15% करने का भी सुझाव दिया है। हरियाणा की तरफ से तर्क दिया गया है कि बड़े राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के मामले ने हरियाणा की सबसे अधिक है, इसलिए मौजूदा फॉर्मूला उसके लिए नुकसानदेह है।
इसके अलावा, हरियाणा ने टैक्स रेवेन्यू जेनरेशन में अपनी मजबूत परफॉरमेंस को आधार बनाते हुए टैक्स और फ़िस्कल-एफ़र्ट के लिए वेटेज को 2.5% से बढ़ाकर 35% करने की सिफारिश की है। डेमोग्राफिक-परफोर्मन्स के लिए वेटेज को 12.5% से घटाकर 7.5% करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा, हरियाणा ने यह भी कहा है कि जीएसटी लागू होने के कारण उनके राजस्व में हानि हुई है। उसके लिए एक नया-क्राइटेरिया शुरू करने का सुझाव दिया है, जिसका प्रस्तावित वेटेज 15% है। हरियाणा का कहना है कि इससे उनके वित्तीय नुकसान की भरपाई हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि औपचारिक प्रजेंटशन के अलावा मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने और सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) तथा सशस्त्र बलों में हरियाणा के नागरिकों की भागीदारी को डेवोलुशन के लिए एडिशनल-क्राइटेरिया के रूप में विचार करने का प्रस्ताव दिया है।
डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि आयोग देशभर में हितधारकों से व्यापक रूप से परामर्श कर रहा है। हरियाणा 24वां राज्य है, जहां आयोग ने "कंसल्टेशन-विजिट" की है। यह "कंसल्टेशन-विजिट" विभिन्न राज्यों में जून 2025 तक चलेगी। आयोग की अंतिम रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 तक प्रस्तुत की जानी है।
जीएसटी लागू होने के बाद हरियाणा को हुए नुकसान के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि कई अन्य राज्यों ने भी इस बारे में चिंता जाहिर की है और आयोग से जीएसटी में उनके योगदान के आधार पर राज्यों को वर्गीकृत करने के लिए मानदंड विकसित करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने टैक्स मैनेजमेंट और फिस्कल एफर्ट से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला है, जो दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि 16वां वित्त आयोग पिछले वित्त आयोग की तुलना में अलग परिस्थितियों में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग ने जहाँ कोविड-19 महामारी के दौरान काम किया था , वही अब अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के विजन के तहत दृष्टिकोण बदल गया है। उन्होंने कहा कि आयोग सभी सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार कर रहा है और कोई भी निर्णय आयोग के सभी सदस्यों की सहमति से लिया जाएगा।
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