हिमाचल प्रदेश विस बजट सत्र के सातवें दिन मंगलवार को इटली और दूसरे देशों से सेब के अवैध ढंग से आयात किए जा रहे प्लांट का मुद्दा गूंजा। इस मुद्दे को ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने उठाया और सरकार की ओर से दिए लिखित जवाब पर असंतोष जाहिर किया गया।
खबर खास, शिमला :
हिमाचल प्रदेश विस बजट सत्र के सातवें दिन मंगलवार को इटली और दूसरे देशों से सेब के अवैध ढंग से आयात किए जा रहे प्लांट का मुद्दा गूंजा। इस मुद्दे को ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने उठाया और सरकार की ओर से दिए लिखित जवाब पर असंतोष जाहिर किया गया।
राठौर ने कहा कि विदेश से जो सेब के पौधे लाए जा रहे हैं उनके साथ वायरस आ सकता है और यह हमारे सेब उद्योग के लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि सेब की उन्नत किस्में बागवानी विश्वविद्यालय द्वारा मुहैया कराई जानी चाहिए। इसलिए यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है। राठौर ने कहा कि बागवानी विश्वविद्यालय अनुसंधान करें और ऐसी किस्में तैयार करे जो यहां का जलवायु के अनुकूल हो।
वहीं, सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में राठौर ने कहा, बागवानी मंत्री ने सदन में अवैध ढंग से प्लांट आयात के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सेब के प्लांट अवैध ढंग से लाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बिना क्वारंटीन के पौधे लाने की इजाजत नहीं होगी। बागवानी विश्वविद्यालय के साथ रिव्यू मीटिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि पैदावार बढ़ाने के लिए आयात जरूरी है, क्योंकि यूरोप-अमेरिका में 50 टन प्रति हेक्टेयर पैदावार हो रही है, जबकि हमारे प्रदेश में 10 टन प्रति हेक्टेयर हो रहा है।
गौर रहे कि हिमाचल में बीते चार-पांच सालों से दौरान इटली से हर साल लाखों सेब के पौधे आयात किए जा रहे हैं। पोस्ट एंट्री क्वारैंटाइन रूल्स के तहत इम्पोर्ट किए जाने वाले पौधे एक साल तक बागवानी विशेषज्ञ की देखरेख में रहने चाहिए। मगर हिमाचल में अधिकांश इंपोर्टर सेब के पौधे सीधे इटली से लाकर बगीचों में लगा रहे हैं। इससे इन पौधों के साथ खतरनाक बीमारी आने का डर बना हुआ है।
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