बीमारी का समय पर पता लगाने और मरीजों का शीघ्र उपचार में मिलेगी मदद
बीमारी का समय पर पता लगाने और मरीजों का शीघ्र उपचार में मिलेगी मदद
खबर खास, शिमला :
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नैदानिक सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार की है। इसके अंतर्गत अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक उपकरण स्थापित करने, बीमारियों का सटीक और समय पर पता लगाने और मरीजों के लिए शीघ्र उपचार सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए 213.75 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
बीमारियों का पता लगाने में देरी के कारण स्वास्थ्य में गिरावट देखी जाती है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग को बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिकीकरण योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कई बैठकें आयोजित की गई और मेडिकल कॉलेजों व अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों से मिले फीडबैक के बाद विभाग ने इस परियोजना की रूपरेखा को तैयार कर लिया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने चमियाना, आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों से विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, आईजीएमसी शिमला, चमियाना अस्पताल, नेरचौक मेडिकल कॉलेज, नाहन मेडिकल कॉलेज और चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए 95 करोड़ रुपये की लागत से पांच उच्च-रिजोल्यूशन वाली एमआरआई मशीनें खरीदी जा रही हैं। इसके अलावा, सातों मेडिकल कॉलेजों में 28 करोड़ रुपये की लागत से दो उन्नत सीटी इमेजिंग मशीनें लगाई जाएंगी।
इसके अतिरिक्त 8.75 करोड़ रुपये की लागत से 35 डिजिटल रेडियोग्राफी इकाइयां (प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में पांच), 14 करोड़ रुपये की लागत से 14 सीलिंग-सस्पेंडेड डीआर एक्स-रे मशीनें और सात मेडिकल कॉलेजों में 14 करोड़ रुपये की लागत से दो उन्नत अल्ट्रासाउंड इमेजिंग मशीनें लगाना भी शामिल है। इसके साथ ही सात मेडिकल कॉलेजों में 14 करोड़ रुपये की लागत से 7 डिजिटल मैमोग्राफी इकाइयां और सात मेडिकल कॉलेजों और शिमला के कमला नेहरू अस्पताल में 40 करोड़ रुपये की लागत से आठ इमेजिंग आर्काइव और रिट्रीवल टेक्नोलॉजी सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेशवासियों को राज्य में ही बेहतर उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना मुख्यमंत्री की प्रमुख प्राथमिकताओं में शुमार है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुदृढ़ीकरण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मरीजों को महंगे इलाज के लिए प्रदेश से बाहर न जाना पड़े।
उन्होंने कहा कि उन्नत नैदानिक अधोसंरचना के साथ-साथ, राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अन्य पहलुओं को भी मजबूत कर रही है। सेवा क्षेत्र में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीशियनों के रिक्त पदों को भरा जा रहा है। चिकित्सा पेशेवरों के कौशल और दक्षता को बढ़ाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया जा रहा है।
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