अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के दूसरे राज्यों से गीता जयंती महोत्सव में जहां एक ओर शिल्पकार अपनी हस्तकला का प्रदर्शन कर रहे है, वहीं ब्रह्मसरोवर के उत्तर दिशा के पावन घाट पर स्टाल नंबर 110 व 111 खादी ग्रामोद्योग बने वस्त्रों की झलक देखने को मिल रही है। इन स्टॉलों पर खादी से बने वस्त्रों की पर्यटक जमकर खरीदारी कर रहे है।
खादी के उत्पादों की पर्यटक जमकर कर रहे है खरीददारी
खबर खास, चंडीगढ़ :
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के दूसरे राज्यों से गीता जयंती महोत्सव में जहां एक ओर शिल्पकार अपनी हस्तकला का प्रदर्शन कर रहे है, वहीं ब्रह्मसरोवर के उत्तर दिशा के पावन घाट पर स्टाल नंबर 110 व 111 खादी ग्रामोद्योग बने वस्त्रों की झलक देखने को मिल रही है। इन स्टॉलों पर खादी से बने वस्त्रों की पर्यटक जमकर खरीदारी कर रहे है।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में लगे खादी स्टॉल्स पर उपस्थित श्री सतपाल सैनी ने बताया कि इन स्टॉल्स पर खादी ग्रामोदय संघ मिर्जापुर की ओर से लगाए गए हैं। इन स्टॉल पर रखे वस्त्र खादी कपड़े से ही बनाए जाते हैं और इन वस्त्रों को स्वयं तैयार किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि स्टॉल्स पर खादी से बने वस्त्र पर्यटकों को खूब पसंद आ रहे हैं और इनकी जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। खादी से बने यह वस्त्र सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे रहते है। इन वस्त्रों को पहनने से शरीर के किसी भी भाग को कोई नुकसान नहीं होता।
उन्होंने बताया कि सरकार खादी उद्योग को बढ़ावा देने एवं युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के भरसक प्रयास कर रही है। युवा खादी से जुडक़र स्वरोजगार अपना सकते हैं, युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाकर स्वरोजगार चलाने के लिए सरकारी की ओर से आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है। सरकार का उद्देश्य खादी ग्राम उद्योग से महिलाओं और युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कॉटन, खादी के कपड़े और उन से बने खेस, चादर, जर्सी, जैकेट, कोट व कुर्ता पजामा का कपड़ा लेकर आए है।
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