सभी प्रभावित गांवों में मिट्टी और मलबा हटाने तथा पशु शवों के निस्तारण का कार्य 24 सितंबर तक पूरा करने के निर्देश
सभी प्रभावित गांवों में मिट्टी और मलबा हटाने तथा पशु शवों के निस्तारण का कार्य 24 सितंबर तक पूरा करने के निर्देश
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि पंजाब सरकार ने 2300 से अधिक गांवों में हाल ही में आए बाढ़ के कारण हुए व्यापक नुकसान की पूर्ति हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में एक व्यापक बाढ़ राहत एवं पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया है। यह अभियान तत्काल राहत, आवश्यक बुनियादी ढांचे की बहाली और सभी कार्यों के पारदर्शी क्रियान्वयन पर केंद्रित रहेगा।
सौंद ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सशक्त अगुवाई में पंजाब सरकार बाढ़ में हुए नुकसान संबंधी राहत और पुनर्वास गतिविधियों के समर्थन हेतु 100 करोड़ रुपये का समर्पित फंड स्थापित कर रही है। मुख्यमंत्री के ऐलान के अनुसार अति आवश्यक कार्य आरंभ करने हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत को पहले 1 लाख रुपये जारी किए जाएंगे ताकि वे गांव की गलियों से मिट्टी और मलबा हटाने और मृत पशुओं के सुरक्षित निस्तारण जैसे कार्य जल्द से जल्द शुरू कर सकें। इसके लिए खर्च सीमा भी निर्धारित की गई है, जिसमें 2000 तक की आबादी वाली ग्राम पंचायतों के लिए 3 लाख रुपये तथा 2000 से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों के लिए 5 लाख रुपये का प्रावधान है।
पंचायत मंत्री ने तबाही के पैमाने के बारे में बताते हुए कहा कि बाढ़ के कारण बड़ी मात्रा में मिट्टी और मलबा जमा हो गया है, जिससे पशुओं का व्यापक नुकसान होने के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल, शवदाह गृह, कम्युनिटी सेंटर और छप्पर सहित सार्वजनिक बुनियादी संरचनाएं भी काफी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न कार्यों के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने समय-सीमा निर्धारित की है, जिसमें मलबा साफ़ करने और पशु शव निस्तारण कार्य 24 सितंबर 2025 तक पूरा करना, सार्वजनिक संपत्ति की मामूली मरम्मत का कार्य 15 अक्टूबर 2025 से पहले पूरा करना, तथा छप्परों की सफाई 22 अक्टूबर 2025 तक पूरी करना अनिवार्य है।
बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए सौंद ने निर्देश दिए हैं कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित आधार पर फॉगिंग कार्य शुरू किए जाएं। उन्होंने बताया कि इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रति पंचायत समिति पर पांच फॉगिंग मशीनें लगाई जाएंगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।
उन्होंने बताया कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक प्रभावित गांव में कार्यों को अंतिम रूप देने के लिए विशेष ग्राम सभा बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में सबसे आवश्यक कार्यों की पहचान कर उन्हें मंजूरी दी जाएगी। सभी प्रोजेक्ट्स के लिए पहले और बाद की फोटो रिकॉर्डिंग की जाएगी तथा एक बार कार्य पूरा होने के बाद खर्च की समीक्षा और कार्य पूर्णता की पुष्टि हेतु पुनः ग्राम सभा की बैठक बुलाई जाएगी।
सौंद ने बताया कि कार्यों के क्रियान्वयन की निगरानी विभिन्न स्तरों पर की जाएगी। सरपंचों की अगुवाई में ग्राम-स्तरीय समितियां संयुक्त प्रयासों के माध्यम से इन कार्यों को अमल में लाएंगी। डिप्टी कमिश्नर (विकास) हर 15वें दिन कार्यों की प्रगति की निगरानी करेंगे और विस्तृत रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को सौंपेंगे। इस कार्यक्रम के संपूर्ण क्रियान्वयन की निगरानी हेतु राज्य मुख्यालय में एक समर्पित मॉनिटरिंग सेल स्थापित किया गया है।
तरुनप्रीत सिंह सौंद ने जोर देकर कहा कि इस अभियान में पारदर्शिता और लोगों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों, युवा क्लबों और कल्याण संगठनों से राहत और पुनर्वास संबंधी सरकार के प्रयासों का सक्रिय समर्थन करने की अपील की है।
पंजाबवासियों को भरोसा दिलाते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 100 करोड़ रुपये के फंड का उपयोग पूरी पारदर्शिता, जवाबदेही और आवश्यकता के अनुसार किया जाएगा और एक-एक पैसा सीधे बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की भलाई के लिए खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कार्यों का समय पर अमल, कड़ी निगरानी और संयुक्त प्रयास यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे गांव इस प्राकृतिक आपदा से जल्द से जल्द बाहर निकलें।
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