शुक्रवार को महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल व कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के बीच किसानों के हित के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ है। इससे दोनों देशों के विश्वविद्यालय बागवानी के क्षेत्र में किसानों के लिए लाभप्रद आधुनिक तकनीकों पर काम करेंगे, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा।
इंटरनेटस ऑफ प्लांटस (आईओपी) नामक तकनीक पर अनुसंधान के लिए हुआ समझौता ज्ञापन
सीएम सैनी और कृषि मंत्री भी रहे मौजूद
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा व केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए गंभीरता से काम कर रही है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए चलाए जा रहे उपक्रमों से किसान आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है। इसी कडी में शुक्रवार को महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल व कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के बीच किसानों के हित के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ है। इससे दोनों देशों के विश्वविद्यालय बागवानी के क्षेत्र में किसानों के लिए लाभप्रद आधुनिक तकनीकों पर काम करेंगे, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा।
मुख्यमंत्री सैनी व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा की मौजूदगी में चण्डीगढ़ में महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल व कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के बीच इंटरनेटस ऑफ प्लांटस (आईओपी) नामक तकनीक पर अनुसंधान के लिए एक समझौता ज्ञापन हुआ।
किसान परपंरागत खेती को छोड़कर मुनाफे वाली बागवानी खेती की ओर बढ़े- सैनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है, कि किसान फायदें की खेती करें। इसके लिए परपंरागत खेती जैसे गेहूं व धान आदि को छोड़कर मुनाफे वाली बागवानी खेती की ओर बढ़े। इसके लिए हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार किसानों के लिए हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को देश का अन्न भंडार कहा जाता है, कृषि के साथ-साथ बागवानी फसलों की आवश्यकता है। राज्य में बागवानी फसलों का क्षेत्रफल व उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। बागवानी फसलों में अधिक आमदनी को देखते हुए किसान भी बागवानी फसलों की तरफ बढ़ रहे है।
पॉली हाउस के अंतर्गत क्षेत्र बढ़ाने की अपार संभावनाएं-
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण औसत तापमान में वृद्धि, बरसात का पैट्रर्न में बदलाव के प्रभावों को कम करने के लिए विशेष ध्यान देने की जरुरत है। इसके लिए संरक्षित खेती को बढ़ावा देना बहुत जरुरी हो गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में लगभग 4 हजार एकड़ में पोली हाउस में बागवानी फसलों का उत्पादन हो रहा है, जबकि करीब 6 हजार 400 एकड़ में लो-टनल में बागवानी फसलों की खेती की जा रही है। पोली हाउस के अंतर्गत क्षेत्र बढ़ाने की अपार संभावनाएं है।
सैनी ने कहा कि फल, सब्जियों में फसल तुड़ाई उपरांत होने वाली हानि को कम करने के लिए सप्लाई चेन व कोल्ड चेन प्रबंधन की आवश्यकता है। इसी संद्रर्भ में हरियाणा सरकार ने जापान के जिका प्रोजेक्ट के तहत काम करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे काफी खुशी है कि एमएचयू करनाल और कोच्चि विश्वविद्यालय जापान मिलकर काम करेंगे ताकि हरियाणा प्रदेश के लिए इस प्रकार आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक बनाकर किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बागवानी फसलों के उत्पादन, गुणवत्ता, अधिक आय की संभावनाएं बढ़ेंगी। ये समझौता किसानों के लिए आमदनी बढ़ाने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे न केवल हरियाणा प्रदेश बल्कि पूरे देश के किसानों को लाभ मिलेगा।
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