पीएचडीसीसीआई ने यूटी प्रशासन के साथ मिलकर शुरू की एमएसएमई कार्यक्रम श्रृंखला ; हर माह होंगे उद्योगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम
पीएचडीसीसीआई ने यूटी प्रशासन के साथ मिलकर शुरू की एमएसएमई कार्यक्रम श्रृंखला ; हर माह होंगे उद्योगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम
खबर खास, चंडीगढ़ :
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने उद्योग विभाग चंडीगढ़ के सहयोग से चंडीगढ़ में एमएसएमई कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत पहला कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग जगत को भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं से अवगत कराना और एमएसएमई को अगले स्तर तक ले जाने में सहायता प्रदान करना था।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पधारे उद्योग विभाग चंडीगढ़ के सचिव आईएएस निशांत कुमार यादव ने बताया कि चंडीगढ़ में इस समय 55,000 एमएसएमई पंजीकृत हैं,जबकि चंडीगढ़ से संचालित कुल लगभग एक लाख एमएसएमई होने चाहिए, जो एक बड़ी संख्या है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग हर महीने विभिन्न विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा और एमएसएमई को इन पहलों से लाभ उठाना चाहिए।
पीएचडीसीसीआई के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष मधु सूदन विज ने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र भारत के औद्योगिक परिदृश्य की रीढ़ है और भारत सरकार ने एमएसएमई को मज़बूत बनाने, उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और वैश्विक मूल्य को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
उद्योग जगत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए, पीएचडीसीसीआई के चंडीगढ़ चैप्टर के सह-अध्यक्ष सुव्रत खन्ना ने बताया कि रैंप योजना बहुत ही महत्वपूर्ण समय पर आई है। एमएसएमई आज कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। चैंबर की एमएसएमई समिति के क्षेत्रीय संयोजक लोकेश जैन ने एमएसईएफसी सुविधा डेस्क के बारे में जानकारी दी।
पर्व अरोड़ा, संयोजक, विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा समिति, पीएचडीसीसीआई ने बताया कि कैसे एमएसएमई सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर अपने ऊर्जा व्यय को कम कर सकते हैं। सौर ऊर्जा संयंत्र की लागत चार वर्षों के भीतर वसूल हो जाती है और सौर ऊर्जा संयंत्र का जीवनकाल 25 वर्ष का होता है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की क्षेत्रीय निदेशक भारती सूद ने बताया कि रैंप योजना एमएसएमई के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करती है। यह बाजार पहुंच में सुधार, डिजिटल अपनाने को प्रोत्साहित करने, गुणवत्ता और मानकों को बढ़ावा देने और कौशल पहलों का समर्थन करने पर जोर देती है।
इस अवसर पर शिव शंकर, सह संयोजक, क्षेत्रीय बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, दीपक शर्मा, प्रशिक्षक जेम,टी.एच.आर. समद, डीजीएम, सिडबी, डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ अखिल, एसबीआई के एजीएम विवेक मित्तल ने अलग-अलग विषयों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
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