कहा, खरीफ मंडीकरण सत्र 2025-26 के दौरान 190 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के लिए किए जा रहे हैं पुख्ता प्रबंध
कहा, खरीफ मंडीकरण सत्र 2025-26 के दौरान 190 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के लिए किए जा रहे हैं पुख्ता प्रबंध
खबर खास, चंडीगढ़ :
धान के आगामी खरीद सत्र को ध्यान में रखते हुए, खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को तनदेही से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अंतर्गत मंडियों में आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
आज यहाँ अनाज भवन में विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक और डीएफएससीज के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मंत्री को बताया गया कि 190 लाख मीट्रिक टन (एल.एम.टी.) धान की खरीद के लिए पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं, जबकि भारत सरकार के खाद्य उत्पादन और वितरण मंत्रालय द्वारा 173.13 एल.एम.टी. का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में चावल मिलों की संख्या 5049 है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा, चावल के भंडारण के लिए आवश्यक स्थान सुनिश्चित करने के संबंध में अपने कड़े प्रयासों के तहत, राज्य सरकार द्वारा अगले 3 महीनों के लिए प्रति माह न्यूनतम 10 एल.एम.टी. गेहूं की चुकाई के लिए नियमित रूप से एफ.सी.आई./भारत सरकार को मुद्दा उठाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 8 सितंबर, 2025 को कस्टम मिलिंग नीति 2025-26 को अधिसूचित किया गया है और चावल मिलों की अलॉटमेंट व चावल मिलों को मंडियों से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है।
कैबिनेट मंत्री के ध्यान में यह भी लाया गया कि पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा इस सत्र में धान की खरीद के लिए 1823 नियमित खरीद केंद्रों को अधिसूचित किया गया है।
इस मौके पर मंत्री को बताया गया कि 49,987 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट (सी.सी.एल.) की आवश्यकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने सितंबर 2025 के लिए 15,018 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है और बकाया सीमा सितंबर के अंतिम सप्ताह में प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा, मुफ्त राशन योजना के 1.30 करोड़ लाभार्थियों की ई-क्यूआरसी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। बोरदाने के संबंध में, पंजाब को 4.21 लाख गठाएं प्राप्त हो चुकी हैं, जबकि 39,000 गठाएं कोलकाता से आ रही हैं। इसके अलावा, पिछले सत्रों की 60,000 बोरदाने की गठाएं भी उपलब्ध हैं। साथ ही, 47,500 तरपालों की आपूर्ति भी प्रगति अधीन है।
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