हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज घोषणा करते हुए कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य की सभी महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज घोषणा करते हुए कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य की सभी महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा।
राज्य में 10,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को अगले पांच वर्षों में सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में किया जाएगा विकसित
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज घोषणा करते हुए कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य की सभी महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पानीपत से शुरू किए गए अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए अभियान के तहत वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पूरे देश में सराहना हो रही है। मुख्यमंत्री आज यहां महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी भी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य में 10,000 आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। 563 आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्रों में अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार से 563 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। विभाग ने 2307 आंगनवाड़ी केन्द्रों को अपग्रेड करने का एक अन्य प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा है।
जनता में जागरूकता बढ़ाएं, पीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए
उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ पीएनडीटी एक्ट 1994 के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों को बालिकाओं को बचाने के लिए प्रेरित करने के लिए गांवों में नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि इन कार्यक्रमों में गांव की सभी महिलाओं को आमंत्रित किया जाना चाहिए, जिन्हें समुदाय की सबसे बुजुर्ग महिलाएं संबोधित करें । लिंग जाँच के लिए हैंडहेल्ड यूएसजी मशीनों के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने इस अवैध काम में शामिल लोगों पर नजर रखने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए।
कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए, हरियाणा ने सख्त प्रवर्तन उपाय अपनाए हैं। 2015 से 2024 तक अधिनियम के तहत कुल 1,220 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, अंतर-राज्यीय छापों के माध्यम से 386 एफआईआर दर्ज की गई हैं और डाक्टरों, झोलाछाप डॉक्टरों और दलालों की अवैध गतिविधियों को निशाना बनाकर 4,000 गिरफ्तारियाँ की गई हैं।
हरियाणा में एनएफएचएस-4 के अनुसार एनएचएफएस-5 की तुलना में पोषण संकेतकों में सुधार पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि वे राज्य में स्टंटिंग (आयु के अनुसार कम ऊंचाई) से पीड़ित 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों की पहचान करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करें और इन बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करके हरियाणा को स्टंटिंग मुक्त राज्य बनाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा इस लक्ष्य को प्राप्त करने वाला पहला राज्य होना चाहिए।
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