नंगल को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए नंगल लेक रिवरफ्रंट विकसित करने, सुंदर रेलवे लाइन के विकास, भाखड़ा नंगल डेम म्यूज़ियम को पूरा करने समेत विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित प्रस्ताव पेश किए
नंगल को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए नंगल लेक रिवरफ्रंट विकसित करने, सुंदर रेलवे लाइन के विकास, भाखड़ा नंगल डेम म्यूज़ियम को पूरा करने समेत विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित प्रस्ताव पेश किए
नंगल के हजारों परिवारों की चिंताओं को दूर करने के लिए संशोधित लीज नीति जारी करने की मांग भी रखी
खबर खास, चंडीगढ़ :
नंगल की खोई हुई शान को बहाल करने और शहर के निवासियों के जीवन स्तर को और बेहतर बनाने के लिए पंजाब के शिक्षा मंत्री और श्री आनंदपुर साहिब से विधायक हरजोत सिंह बैंस ने शनिवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और भाखड़ा नंगल डेम के चारों ओर बसे इस शहर की शान के पुनरुद्धार की मांग रखी।
नंगल को एक मॉडल शहर और विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए केंद्रीय मंत्री से निजी हस्तक्षेप की मांग करते हुए हरजोत बैंस ने केंद्रीय मंत्री के सामने विभिन्न परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा, जिसमें एक व्यापक टाउनशिप विकसित करने के साथ-साथ पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नंगल लेक रिवरफ्रंट के आसपास के क्षेत्र का विकास, मनमोहक दृश्य के साथ लैस सुंदर रेलवे लाइन बिछाना और भाखड़ा नंगल डेम के अजायबघर के निर्माण कार्य को पूरा करना शामिल था।
नंगल के ऐतिहासिक महत्व पर जोर देते हुए बैंस ने इस शहर को आज़ादी के बाद भारत की प्रगति का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने 1960 और 70 के दशक में इस शहर के सुनहरे युग को याद किया, जब इसे भारत के सबसे सुंदर, योजनाबद्ध और जीवंत शहरों में से एक माना जाता था। इस शहर की सुंदर पेड़ों से सजी सड़कें, ढांचागत खाका और समृद्ध सांस्कृतिक जीवनशैली पंजाब और पूरे देश के लिए गर्व का स्रोत थी। हालांकि, शिक्षा मंत्री ने समय के बीतने के साथ इस शहर के यौवन के धीरे-धीरे खो जाने के प्रति अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि अब यह शहर “खंडहर“ बनकर रह गया है, जो इसके शानदार अतीत का महज एक परछाई मात्र है।
शहर में एक व्यापक टाउनशिप विकसित करने के प्रस्ताव रखते हुए बैंस ने बताया कि नंगल में बुनियादी शहरी सुविधाओं का भी अभाव है। उन्होंने कहा कि शहर में पर्याप्त खाली भूमि होने के बावजूद यहाँ सिनेमा हॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मनोरंजन केंद्र नहीं हैं। स. हरजोत सिंह बैंस ने सुझाव दिया कि पारदर्शी प्रक्रिया के तहत भूमि के एक हिस्से को लीज़ पर देकर शहर का रूप बदला जा सकता है, जहाँ मनोरंजन गतिविधियों के लिए ज़ोन, शॉपिंग आर्केड, अर्बन पार्क और रोजगार केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं। यह न केवल शहर के निवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाएगा बल्कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) के लिए नियमित राजस्व का संसाधन भी बन सकेगा।
बैंस ने नंगल लेक रिवरफ्रंट के साथ लगे क्षेत्र के विकास की मांग भी की। उन्होंने सदन के साथ लगे रिवर व्यू रोड को एक शानदार प्राकृतिक दृश्य के रूप में उजागर करते हुए कहा कि वर्तमान में यह जगह खाली पड़ी है, जिससे ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि इस हिस्से को एक विश्व स्तरीय रिवरफ्रंट में बदलने के लिए यहाँ शांत सैरगाह और पैदल चलने तथा साइकिलिंग के लिए ट्रैक, खाने-पीने वाली और सांस्कृतिक जगहें विकसित की जा सकती हैं, जिससे पर्यटक आकर्षित होंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
हरजोत बैंस ने पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र के रूप में एक सुंदर रेलवे लाइन के निर्माण का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि नंगल से भाखड़ा डेम तक पुरानी रेलवे लाइन, जो कि मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर है, को विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस रूट पर एक नई शीशे की छत वाली विरासत रेलवे या लाइट रेल सेवा शुरू की जा सकती है, जो विशिष्ट अनुभव प्रदान करेगी और नंगल को विश्व के पर्यटन नक्शे पर पुनः उभारेगी।
भाखड़ा नंगल डेम म्यूज़ियम के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करते हुए बैंस ने इस अजायबघर के निर्माण में लंबे समय से देरी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्य के लिए कई वर्षों से नींव पत्थर रखे जा रहे हैं लेकिन काम अब तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह अजायबघर, एक बार पूरा होने के बाद, सेंटर ऑफ़ लर्निंग एंड प्राइड के रूप में कार्य करेगा, जिसमें भारत की इंजीनियरिंग कला और आज़ादी के बाद के विकास को बखूबी दर्शाया जा सकेगा। उन्होंने इस संदर्भ में केंद्रीय बिजली मंत्री से निजी हस्तक्षेप की मांग करते हुए अजायबघर के कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने की मांग की।
नंगल के लिए एक पारदर्शी और आधुनिक लीज़ नीति की भी मांग करते हुए बैंस ने नंगल के हजारों परिवारों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक संशोधित लीज़ नीति की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि दशकों से नंगल में रह रहे लोग भी लगातार उजड़ने के डर का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लीज नीति में स्पष्टता की कमी लोगों में बेचैनी का कारण बनती है, जिससे निजी निवेश पर बुरा असर पड़ता है।
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