राज्य भर में 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित, करीब 20,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 167 राहत कैंप सक्रिय
राज्य भर में 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित, करीब 20,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 167 राहत कैंप सक्रिय
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज यहां बताया कि राज्य में आई भयंकर बाढ़ के कारण 1,75,216 हेक्टेयर कृषि भूमि में फसलों को भारी नुकसान पहुँचा है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि गुरदासपुर, अमृतसर, मानसा, फिरोज़पुर और फाज़िल्का सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं, जहाँ फसलों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के 23 जिलों में फसलें, गाँव और वहाँ की आबादी प्रभावित हुई है, जिससे इस आपदा की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
राहत कार्यों का ब्यौरा साझा करते हुए हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि निचले और बुरी तरह प्रभावित इलाकों से 20,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने बताया कि गुरदासपुर में सबसे अधिक 5581 व्यक्ति, फिरोज़पुर में 3495, अमृतसर में 2734, फाज़िल्का में 2422, होशियारपुर में 1615, कपूरथला में 1428, पठानकोट में 1139, बरनाला में 369, जालंधर में 474, मोगा में 115, मानसा में 16, रूपनगर में 65 और तरनतारन जिले में 21 व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के ठहरने के लिए राज्य भर में 167 राहत कैंप स्थापित किए गए हैं, जिनमें बरनाला में 29 कैंप, पटियाला में 26, एस.बी.एस. नगर में 23, फाज़िल्का और जालंधर में 11-11, अमृतसर में 16, पठानकोट में 14, गुरदासपुर में 13, फिरोज़पुर में 8, होशियारपुर में 5, रूपनगर में 3, कपूरथला में 4, मोगा में 2 और मानसा व संगरूर में 1-1 कैंप शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन कैंपों में इस समय 5304 लोग रह रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक फाज़िल्का (1468), होशियारपुर (1041), फिरोज़पुर (706), अमृतसर (371), जालंधर (474), बरनाला (369), पठानकोट (417), मानसा (163), मोगा (115), संगरूर (75), कपूरथला (57), रूपनगर (35) और गुरदासपुर (13) के लोग शामिल हैं।
राजस्व मंत्री ने बताया कि 1655 गाँव बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 3,55,709 लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जिलों में गुरदासपुर (324 गाँव), अमृतसर (190), कपूरथला (123), होशियारपुर (121), मानसा (114), फिरोज़पुर (111), पठानकोट (88), फाज़िल्का (77), संगरूर (107), तरनतारन (70), जालंधर (64), पटियाला (53) और एस.बी.एस. नगर (44) गाँव शामिल हैं। कम प्रभावित जिलों में बठिंडा (13), फरीदकोट (15), रूपनगर (5), लुधियाना (26), बरनाला (37), श्री मुक्तसर साहिब (24), मालेरकोटला (7), एस.ए.एस. नगर (13) और मोगा (29) गाँव शामिल हैं।
मुंडियां ने बताया कि बाढ़ के कारण कुल 3,55,709 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें अमृतसर (1,17,534), गुरदासपुर (1,45,000), फिरोज़पुर (39,076) और फाज़िल्का (21,562) के लोग सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। अन्य जिलों में पठानकोट (15,053), कपूरथला (5728), एस.ए.एस. नगर (7000), होशियारपुर (1966) और जालंधर (991) लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि कम प्रभावित जिलों में बरनाला (476), मोगा (800), रूपनगर (300), मानसा (163) और जिला तरनतारन के (60) लोग शामिल हैं।
फसली क्षेत्र के नुकसान के बारे में बताते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि राज्य में 1,75,216 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिनमें अकेले गुरदासपुर में 40,169 हेक्टेयर से अधिक फसली क्षेत्र का नुकसान हुआ है। इसके बाद मानसा (24,967), अमृतसर (23,000), फाज़िल्का (17,786), फिरोज़पुर (17,620), कपूरथला (14,934), तरनतारन (12,828), संगरूर (6560), होशियारपुर (5971), पठानकोट (2442), जालंधर (3000), एस.ए.एस. नगर (2000), पटियाला (600), मोगा (2240), बठिंडा (586), रूपनगर (300), एस.बी.एस. नगर (181) और लुधियाना में (32) हेक्टेयर फसली क्षेत्र बर्बाद हुआ है।
मुंडियां ने बताया कि 12 जिलों में 37 लोगों की जान गई है, जबकि पठानकोट के तीन व्यक्ति अब भी लापता हैं। सबसे अधिक मौतें होशियारपुर (7), पठानकोट (6), बरनाला (5), अमृतसर और लुधियाना (4-4), बठिंडा और मानसा (3-3), गुरदासपुर, पटियाला, रूपनगर, एस.ए.एस. नगर और संगरूर (1-1) में दर्ज की गयी हैं।
उन्होंने कहा कि बचाव कार्यों में कुल 22 एन.डी.आर.एफ. टीमें लगी हुई हैं, जिनमें अमृतसर और गुरदासपुर (4-4), पठानकोट, फिरोज़पुर और फाज़िल्का (3-3), जालंधर (2), बठिंडा, रूपनगर और कपूरथला (1-1) टीम तैनात हैं। इंजीनियर टीमों के साथ सेना, वायुसेना और नौसेना की टुकड़ियाँ भी लगाई गई हैं। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि गुरदासपुर (3), पठानकोट, रूपनगर और अमृतसर (2-2) और कपूरथला, फिरोज़पुर व फाज़िल्का (1-1) टुकड़ियाँ तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि राहत सामग्री पहुँचाने और लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए लगभग 35 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। बी.एस.एफ. की ओर से सीमावर्ती जिला गुरदासपुर में राहत और बचाव कार्य सक्रिय रूप से जारी हैं। राज्य सरकार ने राहत कार्यों को तेज़ करने के लिए 117 नावें और एक सरकारी हेलीकॉप्टर भी काम में लगाया हुआ है।
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