* पद के लालच में बिट्टू अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को धोखा देकर भाजपा में गए * रवनीत बिट्टू किसी पार्टी के सगे नहीं, जिधर फायदा दिखता है उधर चले जाते हैं, उनका कोई राजनीतिक स्टैंड नहीं
* पद के लालच में बिट्टू अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को धोखा देकर भाजपा में गए * रवनीत बिट्टू किसी पार्टी के सगे नहीं, जिधर फायदा दिखता है उधर चले जाते हैं, उनका कोई राजनीतिक स्टैंड नहीं
खबर खास, चंडीगढ़ :
भाजपा नेता रवनीत बिट्टू के बयान पर आम आदमी पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री तरूण प्रीत सिंह सोंध ने तगड़ा पलटवार किया और कहा कि अगर बिट्टू में इतनी हिम्मत थी तो इस चुनाव में अपने परिवार से किसी को खड़ा क्यों नहीं किया?
उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने बिट्टू को खुद चुनाव लड़ने या अपने परिवार से किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि उन्हें पता था कि अगर वह लड़ें तो इस चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो जाएगी। इसलिए भाजपा ने आखिरी वक्त पर अपने उम्मीदवार की घोषणा की, वह अंत समय तक बिट्टू के फैसले का इंतजार करती रही, लेकिन वह मुकर गए।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा पद के लालच में बिट्टू अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को धोखा देकर और अपनी ज़मीर बेचकर भाजपा में शामिल हुए। वह किसी भी पार्टी के सगे नहीं हैं। जिधर फायदा दिखता है उधर चले जाते हैं। उनका कभी भी कोई राजनीतिक स्टैंड नहीं रहा है।
सोंध ने मीडिया को बिट्टू के पुराने बयान सुनाए, जिसमें वह भाजपा को पंजाब विरोधी और किसान विरोधी बता रहे थे। इस पर सोध ने सवाल किया कि आखिर क्या मजबूरी थी कि रोज भाजपा और आरएसएस को गाली देने वाले बिट्टू अचानक उसी पार्टी में शामिल हो गए। कहीं भाजपा को उनके घपले- घोटाले की कोई फाइल तो हाथ नहीं लग गई थी?
सोंध ने कहा कि दरअसल आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा की ईमानदार छवि और लोकप्रियता से भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी घबराई हुई है। दोनों को बड़ी हार का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि संजीव अरोड़ा ने बतौर राजसभा सांसद लुधियाना में जो काम करवाए हैं, उससे यहां की जनता को काफी सुविधा पहुंची है। इसलिए लुधियाना के लोग इस चुनाव में उन्हें अपार प्यार और समर्थन दे रहे हैं।
सोंध ने सवाल उठाया कि बिट्टू के भाई कांग्रेस में है और वह खुद भाजपा में हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह कांग्रेस में रहते हुए बिट्टू की मदद कर रहा था। आज भी भारत भूषण आशू के चुनावी कैंपेन में वह सिर्फ मुंह दिखाने जाता है। इसपर उन्हें जवाब देना चाहिए कि दोनों भाई मिलकर वह कांग्रेस को बेवकूफ बना रहे हैं या भाजपा को? उन्होंने कहा कि दरअसल बिट्टू को डर है कि अगर इस चुनाव में आम आदमी पार्टी जीत गई तो वह अपने केन्द्रीय नेतृत्व को क्या मुंह दिखाएंगे। हो सकता है कि उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ जाए!
सोंध ने बिट्टू को चुनौती देते हुए कहा कि अगर बयानबाजी करने का इतना ही शौक है तो पहले आप अपना स्टैंड क्लियर करें। जनता को बताएं कि आप पंजाब और पंजाबियों के साथ हैं या पंजाब के हकों पर डाका डालने वाली भाजपा के साथ? जब तक आप अपना रुख साफ नहीं करतें, तब तक आपकी सारी बातें बेकार की है।
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