कहा, पंजाब ने वित्तीय प्रबंधन को डिजिटल करते हुए बड़े ख़ज़ाना सुधारों से जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाया
कहा, पंजाब ने वित्तीय प्रबंधन को डिजिटल करते हुए बड़े ख़ज़ाना सुधारों से जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाया
खबर खास, चंडीगढ़ :
ख़ज़ाना और लेखा निदेशालय (डी.टी.ए), पंजाब ने वित्तीय प्रशासन को आधुनिक बनाने, पारदर्शिता को प्रोत्साहित करने और सभी सरकारी विभागों में दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से बड़े डिजिटल परिवर्तन प्रयासों की एक श्रृंखला अपनाई है। लेखा-जोखा, ऑडिट, फंड प्रबंधन और नागरिक सेवाओं से जुड़े ये तकनीकी सुधार, पंजाब में पूरी तरह डिजिटल गवर्नेंस की ओर एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में इस बात का उल्लेख करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि निदेशालय ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए एक नया फंड फ्लो ढांचा, एस.एन.ए-स्पर्श को सफलतापूर्वक विकसित करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 450 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यह एकीकृत ढांचा पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पी.एफ.एम.एस), राज्य आई.एफ.एम.एस और भारतीय रिज़र्व बैंक के ई-कुबेर सिस्टम को जोड़ता है, जिसका उद्देश्य ख़ज़ाने में नकद तरलता (कैश लिक्विडिटी) बढ़ाना और बैंक खातों में पड़े अनुपयोगी फंड को कम करना है।
उन्होंने आगे कहा, “इस प्रणाली की सुविधा के लिए एक अलग एस.एन.ए-स्पर्श ख़ज़ाना बनाया गया है और राज्य द्वारा अब वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना (एस.ए.एस.सी.आई 2025-26) के तहत 350 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।”
एक अन्य प्रमुख पहल को उजागर करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सभी पेंशनरों का केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने और बैंकों तथा ख़ज़ाने के बीच ऑनलाइन पेंशन केस प्रोसेसिंग की सुविधा हेतु, पंजाब डेवलपमेंट कमिशन (पी.डी.सी) से परामर्श लेकर पेंशनर सेवा पोर्टल (पी.एस.पी) विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल ख़ज़ाने से बैंकों को ई-पीपीओ भेजने जैसी गतिविधियों को सक्षम बनाता है और पेंशनरों को पेंशन अपडेट्स की वास्तविक समय की ट्रैकिंग, शिकायत निवारण, जीवन प्रमाणपत्र एकीकरण तथा अपडेटेशन अनुरोध जमा करने की सुविधा प्रदान करता है।
नए ऑडिट मैनेजमेंट सिस्टम (ए.एम.एस) पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ए.एम.एस सभी हितधारकों को ऑडिट रिपोर्टों तक वास्तविक समय की पहुंच प्रदान करता है और समय पर ऑडिट आपत्तियों के समाधान हेतु प्रशासनिक सचिव स्तर पर नियमित समीक्षा बैठकों के ज़रिए अधिक निगरानी की सुविधा देता है। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि डी.टी.ए के भविष्य के रोडमैप में अकाउंटेंट जनरल की ऑडिट रिपोर्टों को शामिल करने की भी योजना है।
वित्त मंत्री ने और जानकारी देते हुए कहा, “नई पहलों में ग़ैर-ख़ज़ाना मॉड्यूल (नॉन-ट्रेज़री मॉड्यूल) भी शामिल है, जो कि वन और लोक निर्माण विभागों द्वारा जमा कार्यों के लिए लेखा-जोखा सरल बनाने हेतु अकाउंटेंट जनरल (ए.जी) कार्यालय के समन्वय से विकसित किया गया एक ग़ैर-ख़ज़ाना लेखा प्रणाली है। इस प्रणाली के ज़रिए इन विभागों के सभी डिवीज़नों द्वारा मासिक खातों के जमा करने के कार्य को स्वचालित किया गया है।”
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में सभी बिलों के लिए ई-वाउचर का उपयोग भी शुरू कर दिया है, जिससे स्टेशनरी, यात्रा और ए.जी. पंजाब को जमा कराए गए भौतिक वाउचर संभालने से जुड़ी लागत में महत्वपूर्ण कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इन ई-वाउचर को स्टोर करने के लिए आवश्यक हार्डवेयर खरीदकर ए.जी कार्यालय में स्थापित किया गया है।
इन नई तकनीकी प्रणालियों की सराहना करते हुए चीमा ने कहा कि विभागीय खातों को स्वचालित करने और एस.एन.ए-स्पर्श के ज़रिए कुशल केंद्रीय फंड फ्लो सुनिश्चित करने से लेकर संपूर्ण ऑडिट और पेंशन प्रक्रियाओं को डिजिटाइज़ करने तक, ये पहलें महत्वपूर्ण बचत देंगी, जवाबदेही बढ़ाएँगी और सबसे महत्वपूर्ण, हमारे कर्मचारियों और नागरिकों को सेवा डिलीवरी में सुधार करेंगी।
उन्होंने कहा, “इन व्यापक डिजिटल प्रणालियों की शुरुआत के साथ, हम केवल सॉफ़्टवेयर अपग्रेड नहीं कर रहे हैं; हम अपने वित्तीय ढांचे में बुनियादी सुधार कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर एक रुपये का हिसाब रखा जाए और उसे प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए।”
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